नई दिल्ली। तिब्बती युवा कांग्रेस के सदस्यों ने शुक्रवार को 64वें तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के समीप प्रदर्शन किया।
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने चीन सरकार की कठोर नीतियों और तिब्बत पर अवैध कब्जे के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने बताया कि दूतावास की ओर जाने की कोशिश कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया।
दिल्ली पुलिस ने एहतियाती कदम के तहत दूतावास से करीब दो किलोमीटर दूर अवरोधक लगाए थे और इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 (निषेधाज्ञा) लागू की थी।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तिब्बती युवा कांग्रेस के 60 से अधिक सदस्यों ने दूतावास से कुछ किलोमीटर दूर लगाए गए अवरोधक के समीप प्रदर्शन किया। अधिकारी ने बताया कि जब प्रदर्शनकारियों ने अवरोध लांघकर दूतावास की ओर जाने की कोशिश की, तब हमने उन्हें हिरासत में लिया।
तिब्बती युवा कांग्रेस द्वारा जारी बयान के मुताबिक उन्होंने 14वें दलाई लामा के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की और तिब्बत की स्वतंत्रता को कायम करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ जारी प्रतिरोध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सभी तिब्बती शहीदों के प्रति एकजुटता प्रकट की।
बयान में कहा गया कि वर्ष 1949 में जब चीन की लाल सेना ने तिब्बत पर हमला किया और 14वें दलाई लामा को धमकाने के लिए असुरक्षा की स्थिति पैदा की तब पूरे तिब्बत की स्थिति 10 मार्च 1959 को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।
तिब्बती युवा कांग्रेस ने कहा कि इसका नतीजा था कि तिब्बत के पारंपरिक तीनों क्षेत्रों ने एकजुट होकर पूरी जिम्मेदारी ली और चीनी सेना और उसके द्वारा तिब्बत पर लगाए गए आरोपों का प्रतिवाद किया।