तृणमूल नेता ने 'नोट की कमी के पीछे की हकीकत' पर सरकार से तत्काल बयान की मांग की। उन्होंने कहा कि लोगों को जानने का हक है और लोकतंत्र में आप किसी को गुमराह नहीं कर सकते। त्रिवेदी ने सवाल किया कि क्या 2,000 रुपए का नोट बंद कर दिया गया है? सरकार को लोगों से तथ्य नहीं छिपाने चाहिए। तृणमूल नेता ने कहा कि खुद उन्हें पिछले कई माह से बैंक से उच्च मूल्य के करंसी नोट नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने 2016 की नोटबंदी की कवायद का जिक्र करते हुए कहा कि 1,000 और 500 रुपए के नोट को प्रचलन से हटा दिया गया था और तब धन के परिमाण की भरपाई के लिए 2,000 रुपए के नोट लाए गए थे।
उल्लेखनीय है कि अनेक विपक्षी पार्टियों ने नोटों की कमी पर मंगलवार को सवाल खड़े किए थे। तृणमूल प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछा था कि क्या देश में वित्तीय आपातकाल है? उन्होंने एक ट्वीट में कहा था- 'अनेक राज्यों में एटीएम में नोट नहीं होने की रिपोर्ट देख रही हूं। बड़े नोट नदारद हैं। #नोटबंदी के दिनों की याद दिला दिला रहे हैं। क्या देश में वित्तीय आपातकाल चल रहा है?' (भाषा)