नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने मंगलवार को कहा कि वह किसान आंदोलन को लेकर कथित तौर पर भ्रामक सूचना फैलाने की वजह से 1,178 अकाउंट को बंद करने के सरकार के आदेश के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री से औपचारिक संवाद करना चाहती है। ट्विटर ने रेखांकित किया कि अपने कर्मचारियों की सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पाकिस्तान एवं खालिस्तान के कथित समर्थकों के 1,178 आकउंट बंद करने का आदेश दिया था, क्योंकि उन पर किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ जानकारी प्रसारित करने का आरोप था। सरकार ने ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह निर्देशों का अनुपालन नहीं करती तो संबंधित धाराओं के तहत जुर्माना या 7 साल की जेल हो सकती है।
इस बीच ट्विटर की भारत एवं दक्षिण एशिया में सार्वजनिक नीति की निदेशक महिमा कौल ने भी इस्तीफा दे दिया है जिससे उनके जाने की परिस्थितियों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कंपनी का कहना है कि कौल का इस्तीफा इस मामले से जुड़ा नहीं है। ई-मेल के जरिए दिए जवाब में ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सरकार से मिली रिपोर्ट की समीक्षा करती है एवं यथासंभव कार्रवाई करती है।
प्रवक्ता ने कहा कि ट्विटर ऐसी रिपोर्ट पर यथासंभव कार्रवाई करेगी लेकिन साथ ही सुनिश्चित करेगी कि वह अपने मूलभूत मूल्यों एवं सार्वजनिक संवाद की रक्षा की प्रतिबद्धता पर कायम रहे। सरकार के साथ संवाद के मंच पर अद्यतन जानकारी हमारी संस्थान की ओर से साझा की गई है। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि उनकी कंपनी का मानना है कि सूचना के मुक्त एवं खुले आदान-प्रदान से विश्व पर सकारात्मक असर होता है और ट्वीट का प्रवाह अवश्य जारी रहे। (भाषा)