इसमें आगे कहा गया है कि अगले साल आम चुनावों से पहले सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मदद के लिए विभिन्न प्रोत्साहन विकल्पों पर विचार कर सकती है। यह रपट (नोट) पिछले सप्ताह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान से पहल आई। इसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, किसानों को कीमत में कमी का भुगतान (मध्यप्रदेश), किसानों का आय समर्थन (तेलंगाना) जैसे कदमों पर विचार किया जा सकता है।
इसके अनुसार अन्य संभावित तरीके ब्याज दर सब्सिडी के रूप में भी हो सकते हैं। रपट में कहा गया है कि मोदी सरकार के पहले साढ़े तीन साल में अनेक सुधार तथा राजनीतिक रूप से कठिन फैसले किए गए जिनमें नोटबंदी, जीएसटी कार्यान्वयन, दिवाला संहिता शामिल है। हालांकि अब चुनावों से पहले किसी बड़े कदम की उम्मीद नहीं है। (भाषा)