नई दिल्ली। सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन दो जून को होगा और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग आरक्षण के योग्य उम्मीदवारों को उसका लाभ मिलेगा। करीब 896 रिक्तियां हैं जिसमें 39 पद दृष्टिबाधित और कम दृष्टि तथा तेजाब हमले से पीड़ितों जैसे दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं।
परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। उम्मीदवार यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। सामान्य व ओबीसी श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन फीस 100 रुपए निर्धारित की गई है। महिला, एससी/एसटी व दिव्यांगों के लिए आवेदन नि:शुल्क है।
सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर बताया, 'अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और दिव्यांगों को
आरक्षण मिलेगा।'
केंद्र सरकार ने एक फरवरी 2019 से केंद्र सरकार की नौकरियों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दस फीसदी आरक्षण लागू करने का निर्णय किया था।
अधिसूचना में कहा गया है कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा दो जून को होगी। परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 18 मार्च शाम छह बजे तक है।
कौन कर सकता है आवेदन : सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदक के पास किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। प्रारंभिक परीक्षा के लिए किसी तरह के न्यूनतम अंकों की जरूरत नहीं होती है। आईएएस और आईपीएस पद के लिए आवेदक का भारत का नागरिक होना जरूरी है। अन्य पदों के लिए वे नेपाल या भूटान का नागरिक भी हो सकते हैं।
तीन चरणों में होती है परीक्षा : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में होती है। इसमें सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा होती है। इसके बाद मुख्य परीक्षा आयोजित की जाती है। दोनों परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।