Jitendra Singh: केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को कहा कि लोकपाल और केंद्रीय सूचना आयोग (Lokpal and CIC vacancies) (सीआईसी) में रिक्तियां समय पर भरी जाएंगी। सिंह ने यहां कहा कि यह मोदी सरकार ही है जिसने यह सुनिश्चित किया कि इस देश में लोकपाल क्रियाशील हो। केंद्र सरकार समय के साथ रिक्तियों को भरने की योजना बना रही है। इस दिशा में काम प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को भरने की एक प्रक्रिया है। मंत्री ने कहा कि सबसे पहले विज्ञापन निकाले जाते हैं और व्यक्ति आवेदन करते हैं। कभी-कभी आवेदनों की संख्या अधिक होती है। इन आवेदनों का निरीक्षण करना होता है और फिर एक उच्च स्तरीय समिति होती है, जो विचार-विमर्श करती है और योग्य उम्मीदवारों पर निर्णय लेती है।
उन्होंने कहा कि सरकार लोकपाल के साथ-साथ केंद्रीय सूचना आयोग के पूर्ण कामकाज का समर्थन करने में बहुत सक्रिय है। सिंह ने कहा कि जहां तक लोकपाल का सवाल है, यही सरकार है जिसने इसे स्थापित करने और क्रियाशील बनाने में ईमानदारी दिखाई है।
उन्होंने कहा कि यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सहित अन्य राजनीतिक दलों ने यह कहकर उच्च नैतिकता दिखाने का प्रयास किया वे लोकपाल के पक्ष में थे लेकिन वे ईमानदार नहीं थे, इसीलिए वे इसे नहीं लाए। मोदी सरकार ने इसे क्रियाशील बनाया। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार की मंशा बहुत स्पष्ट है।
केंद्र ने अगस्त में भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को लोकपाल के प्रमुख और सदस्यों के नामों की सिफारिश करने के लिए 10 सदस्यीय खोज समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था। समिति ने लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के पदों के लिए भी आवेदन मांगे हैं। आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 28 सितंबर थी जिसे बढ़ाकर 13 अक्टूबर कर दिया गया था।
लोकपाल प्रमुख और उसके सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिशों पर की जाती है जिसमें लोकसभा अध्यक्ष, निचले सदन में विपक्ष के नेता, भारत के प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश, और चयन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा अनुशंसित एक प्रतिष्ठित न्यायविद् को इसके सदस्यों के रूप में नियुक्त किया जाता है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाएगी जिसमें प्रधानमंत्री अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री को इसके सदस्य के रूप में नामित किया जाता है।
लोकपाल 1 साल से अधिक समय से बिना किसी नियमित प्रमुख के काम कर रहा है। इसके अलावा, तीन सदस्यों-दो न्यायिक सदस्य और एक गैर-न्यायिक सदस्य की रिक्ति है। लोकपाल का एक अध्यक्ष होता है और इसमें आठ सदस्य- चार चार न्यायिक और गैर-न्यायिक-हो सकते हैं जबकि सीआईसी में 8 सूचना आयुक्तों (10 स्वीकृत पद के विरुद्ध) की रिक्ति है। सीआईसी का नेतृत्व एक मुख्य सूचना आयुक्त करता है।(भाषा)