राम को धर्म से जोड़ना सही नहीं : उपराष्ट्रपति नायडू

बुधवार, 24 जनवरी 2018 (17:18 IST)
लखनऊ। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राम नाम को धर्म से ना जोड़ने का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि भय, भ्रष्टाचार और भेदभाव से मुक्त शासन ही रामराज्य है और उसके निर्माण के लिए सभी को जाति और मजहब की राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होना पड़ेगा।
 
 
उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के उद्घाटन अवसर पर कहा कि पूरी दुनिया अब भी भारत की तरफ देख रही है। इतना पुराना देश होने के बावजूद भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, क्योंकि हम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में विश्वास रखते हैं। भारत में रहने वाले सभी लोग भाई हैं, चाहे उनका धर्म और पूजा पद्धति कुछ भी हो। जाति-मजहब के आधार पर किसी पर हमला करना सही नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि हरेक विषय को मजहब की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। भगवान राम का नाम भी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। मेरा कहना है कि सभी लोगों को राम को एक आदर्श व्यक्ति के रूप में देखना चाहिए। नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी। जहां ना भय, ना भ्रष्टाचार और ना ही भेदभाव हो, वहीं रामराज्य है। उन्होंने कहा कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास स्थिर सरकार और अच्छा माहौल है। हम सबको मिलकर काम करना चाहिए।
 
उपराष्ट्रपति नायडू ने उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक यह सूबा आगे नहीं बढ़ेगा, तब तक देश भी प्रगति नहीं करेगा। देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उनमें से कई तो उत्तर प्रदेश से जुड़ी हैं। जहां बिहार जैसे बीमारू राज्य आगे बढ़ रहे हैं, वैसे ही हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश भी आगे बढ़े।
 
उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, एक कर्मठ योगी यानी योगी आदित्यनाथ आपके मुख्यमंत्री हैं। उन्हें व्यक्तिगत रूप से कुछ लेना-देना नहीं है, हमारे जैसा फैमिली का झंझट भी नहीं है। आप ही लोग उनका परिवार हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी अपनी हंसी नहीं रोक सके।
 
नायडू ने उत्तर प्रदेश सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट‘ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इसके जरिए रोजगार की संभावना पैदा की है। यह योजना देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से है। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश दिवस‘ पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश और तेजी से आगे बढ़े।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि अगर भारत को दुनिया की महाशक्ति के रूप में स्थापित होना है तो उसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से करनी होगी। हमारे पास 22 करोड़ की आबादी है। इतनी बड़ी आबादी को अगर हम विकास से वंचित करेंगे तो सचमुच भारत का विकास नहीं हो सकता, इसीलिए इस राज्य पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष अनुकंपा है।
 
उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा इसी प्रदेश में स्थित हैं। भगवान बुद्ध से जुड़े सभी स्थल इसी राज्य में हैं। जैन तीर्थंकरों की परंपरा भी अयोध्या से ही प्रारंभ होती है।
 
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट‘ योजना के जरिए 20 लाख नौजवानों को रोजगार देगी। सरकार अगले माह लखनऊ में आयोजित होने वाली ‘इन्वेस्टर्स समिट‘ में ढाई से तीन लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करेगी। इसके अलावा मार्च में प्रधानमंत्री से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास का अनुरोध किया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे 340 किलोमीटर लंबा होगा। करीब 23 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाले आठ लेन का यह एक्सप्रेस-वे 24 महीने में बन जाएगा।
 
राज्यपाल राम नाईक ने इस मौके पर कहा कि वे मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद देते हैं कि उनके सुझाव को मानकर 'उत्तर प्रदेश दिवस' मनाया जा रहा है। (भाषा)

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