अब तक इन्हें मिल चुका है ये सम्मान
इस सम्मान की बात करें तो पिछले विजेताओं में न्गुगी वा थिओन्गो, ऐनी कार्सन, एम. नोरबे से फिलिप, सैंड्रा सिस्नेरोस, एडना ओ'ब्रायन और एडोनिस को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
विनोदकुमार शुक्ल के बारे में
विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी भाषा के सबसे महान समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। वे 87 बरस के हैं और फिलहाल छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहते हैं। इतने बड़े लेखक होने के बावजूद वे सभी तरह की साहित्यिक गतिविधियों से दूर रहते हैं। हाल ही में प्रकाशकों द्वारा रॉयल्टी नहीं देने के मुद्दे को लेकर वे चर्चा में आए थे। उन्होंने कहा था कि सालों में 5-10 हजार रॉयल्टी के तौर मिल जाती है। बता दें कि शुक्ल बेहद गंभीर और संवेदनात्मक शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी कविताओं से लेकर नॉवेल तक खूब पढे और पसंद किए जाते हैं। खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिड़की रहती हैं, नौकर की कमीज़', 'पेड़ पर कमरा' आदि उनकी बेहद पसंद की जाने वाली रचनाओं में से हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई अन्य सम्मान भी मिल चुके हैं।