उन्होंने कहा कि 2018 में 25 हजार मुसलमानों और ईसाइयों का पुनर्धर्मांतरण कराया गया। उन्होंने कहा कि 2019 के आंकड़ों का अभी संकलन किया जाना बाकी है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए परांदे ने कहा कि धर्मांतरण एक 'राष्ट्रीय समस्या', 'देश पर हमला' और 'लोगों को बांटने की साजिश' है। उन्होंने कहा कि विहिप एक विधेयक चाहता है जो दूसरे धर्म के लोगों के धर्मांतरण को मुश्किल बनाए।
राम मंदिर मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विहिप को सर्वोच्च अदालत से 'सकारात्मक फैसले' की उम्मीद है क्योंकि सभी “पुरातात्विक साक्ष्य” अयोध्या में राम मंदिर के अस्तित्व का समर्थन करते हैं। परांदे ने यह भी कहा कि “देश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित” करने के लिये नागरिकता विधेयक में संशोधन की जरूरत है।