Laddu Prasadam : विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से तिरुपति के लड्डुओं (Tirupati laddus) में मिलावट के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेने और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू करने की सोमवार को अपील की। विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की तिरुपति (Andhra Pradesh) में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था : आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल में आरोप लगाया था कि राज्य में पूर्ववर्ती युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा तथा अपने विशिष्ट स्वाद के लिए प्रसिद्ध तिरुपति लड्डुओं को बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।
दोषियों की पहचान करनी कड़ी सजा दें : विहिप ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए तथा एक निश्चित समयावधि में इसकी जांच कर इस अक्षम्य अपराध के दोषियों की पहचान करनी चाहिए तथा उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए। उसने कहा कि इस मामले में लापरवाही और देरी की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि ऐसा होने पर हिन्दू समुदाय के सदस्य राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर सकते हैं, जो इस मामले को लेकर पहले से ही अधीर हैं।
विहिप के अनुसार तिरुपति के लड्डुओं को लेकर पिछले 4-5 दिन में दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी वाईएसआरसीपी द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गए आरोप-प्रत्यारोपों से हिन्दू समुदाय स्तब्ध है। उसने कहा कि इन घटनाक्रम से दुनियाभर में श्री बालाजी (श्री वेंकटेश्वर स्वामी) के करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।
विहिप ने कहा कि लड्डू प्रसादम् (पवित्र मिठाई) को ईश्वर का आशीर्वाद माना जाता है और पूरी आस्था से इसका सेवन किया जाता है। उसने कहा कि लड्डुओं में मिलावट के आरोपों ने भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों का 'घोर' अपमान किया है।(भाषा)