रक्षा मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर यह विस्तृत स्पष्टीकरण रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने इस मामले से जुड़े सभी तथ्य संसद में विस्तार से रखने की बात कही थी। मंत्रालय ने कहा है कि रिश्वत देने में शामिल अगस्तावेस्टलैंड कंपनी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने ब्लैकलिस्ट नहीं किया था।
मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि मौजूदा सरकार ने 3 जुलाई 2014 के अपने आदेश में केन्द्रीय जांच ब्यूरो की प्राथमिकी में नामजद सभी छह कंपनियों से खरीद के मामलों पर रोक लगा दी थी। इन कंपनियों में इटली की फिनमकैनिका और उसकी सहयोगी अगस्तावेस्टलैंड तथा चार अन्य कंपनियां शामिल थीं। इसमें कहा गया है कि मौजूदा सरकार ने इसके बाद से इन कंपनियों से कोई खरीद नहीं की है।