सेना प्रमुख की पाक को चेतावनी, यदि आतंक को समर्थन जारी रहा तो करेंगे बल प्रयोग

मंगलवार, 3 जनवरी 2017 (08:58 IST)
भारतीय सेना के 27वें प्रमुख बने जनरल बिपिन रावत ने साफ कर दिया है कि यदि पाकिस्‍तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करेगा तो सेना की बल प्रयोग की रणनीति बेहद साफ होगी। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के पास सर्जिकल स्ट्राइक से भी कहीं ज्यादा प्रभावी रास्ते हैं जिनसे ऐसा ही संदेश उन्हें दिया जा सकता है। यदि दुश्मन आतंकवाद को समर्थन देना जारी रखता है तो हम अपनी जरूरतों के हिसाब से बल प्रयोग का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए सरकार ने भी सेना को खुली छूट दी है।
इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ जनरल बाजवा के बारे में कहा कि हम दोनों एक-दूसरे की क्षमताओं को समझते हैं और इसी संदेश के साथ दोनों आगे बढ़ें तो शांति रहेगी। हाल ही में हुए सेना के बेस कैंपों पर हमले के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आतंकवादी हमलों के अपने तरीके बदल रहे हैं लेकिन खुद को उनसे बचाने के लिए हमें उनसे आगे सोचना होगा। यह सोचना होगा कि आतंकियों का अगला कदम क्या होगा। इस मौके पर उन्होंने सरकार से मिली गाइडलाइंस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इनसे हम हमलों पर काबू पा सकेंगे।
 
इससे पहले रावत ने साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर लेने के बाद कहा कि उनकी सेना एकसाथ दो मोर्चों पर पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'जहां तक सशस्त्र बलों का सवाल है, हमें दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने का जिम्मा सौंपा गया है। मेरा ख्याल है कि राजनीतिक पदानुक्रम के हिसाब से हमें जिस तरीके से भी ऐसा करने को कहा जाएगा, हम उस कार्य को पूरा करने में सक्षम हैं।'
 
सेना प्रमुख ने चीन के साथ सहयोग करने की बात पर बल दिया और कहा, 'संभव है कि अंतरिक्ष, आर्थिक विकास, समृद्धि जैसे कुछ क्षेत्रों में हम प्रतिस्पर्धा कर रहे हों लेकिन यह सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है कि कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं, जिनमें सहयोग की आवश्यकता है। मेरा मानना है कि इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है ना कि टकराव पर।
 
वरिष्ठ अधिकारियों के बावजूद खुद को सेना प्रमुख बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पूरा सपोर्ट मिला है। यह मिसाल देने लायक है। उन्होंने कहा कि पद संभालने के बाद उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी के साथ बातचीत की थी। इसमें उन्होंने पाया कि वह इस बात से व्यथित नहीं थे। पश्चिम बंगाल में सेना से जुड़े राजनीतिक विवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेना हमेशा राजनीति से दूर रही है। आर्मी का काम आर्मी पर छोड़ देना चाहिए। सिविल-मिलिट्री संपर्क की स्वस्थ व्यवस्था बनी हुई है कि आर्मी के मामले में राजनीति न होने पाए। अगले तीन साल के कार्यकाल में चुनौतियों के सवाल पर उन्होंने कहा, 'सेना में मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल हो, साथ ही मानव संसाधन का विकास भी जरूरी है।
 
गौरतलब है कि भारत द्वारा 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल 'अग्नि पांच' के परीक्षण को लेकर बीजिंग खासा नाराज है। दूसरी ओर भारत की पाकिस्तान के साथ 3323 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है जिसमें 749 किलोमीटर नियंत्रण रेखा है। भारतीय सेना ने वर्ष 2016 में जम्मू और कश्मीर में 60 सैनिक गंवाए और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा लगातार संघषर्विराम उल्लंघन किया जा रहा है।

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