Wayanad Lok Sabha by-election: लोकसभा की वायनाड सीट के लिए 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा की प्रत्याशी नव्या हरिदास (BJP candidate Navya Ramadas) अपने सियासी अनुभव के बूते कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress candidate Priyanka Gandhi Vadra) को चुनौती देंगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका पहली बार चुनाव मैदान में उतर रही हैं।
सिंगापुर और नीदरलैंड में काम करके अंतरराष्ट्रीय अनुभव हासिल कर चुकीं हरिदास एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो एक दशक तक कोझिकोड में एक पार्षद के रूप में भी काम कर चुकी हैं। हरिदास को भरोसा है कि उनकी पृष्ठभूमि उन्हें प्रियंका वाड्रा को चुनौती देने में सक्षम बनाती है, जो अपने भाई राहुल गांधी द्वारा खाली किए गए इस पहाड़ी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी रखने की इच्छुक हैं। ALSO READ: कौन हैं नाव्या हरिदास, जो वायनाड में प्रियंका गांधी को देंगी चुनौती?
प्रियंका के पास अनुभव की कमी : हरिदास ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में कहा कि वाड्रा भले की कांग्रेस की एक पदाधिकारी हैं, लेकिन एक जनप्रतिनिधि के रूप में उनके पास अनुभव की कमी है। हरिदास ने कहा कि नेहरू परिवार की पृष्ठभूमि के कारण प्रियंका गांधी एक राष्ट्रीय हस्ती हैं, लेकिन यह उनका पहला चुनाव है। दूसरी ओर मैंने लगातार दो बार कोझिकोड नगर निगम में पार्षद के रूप में काम किया है और 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ा है।
कांग्रेस नेता के वायनाड में प्रवेश से एक दिन पहले भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि मैं कई वर्षों से लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही हूं, इसलिए प्रियंका गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ना मेरे लिए कोई अलग चीज नहीं है। मेरा मानना है कि मेरे पास उनसे कहीं अधिक अनुभव है। प्रियंका वायनाड के कलपेट्टा में रोड शो करके वोट मांगने जा रही हैं। ALSO READ: क्या गारंटी है कि प्रियंका गांधी जीतती हैं तो वायनाड में ही रहेंगी?
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में अपनी जीत के बाद राहुल गांधी द्वारा वायनाड लोकसभा सीट को छोड़ने के कारण इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव आवश्यक हो गया है। सीपीआई नेता और पूर्व विधायक सत्यन मोकेरी माकपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई : हरिदास ने कहा कि लड़ाई केवल कांग्रेस और भाजपा के बीच है। देखिए, कांग्रेस की गैरजिम्मेदारी के कारण यह चुनाव जरूरी हो गया। वायनाड के कई हिस्सों में आप अब भी फ्लेक्स बोर्ड देखेंगे, जिनमें राहुल गांधी के लिए वोट मांगे जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने रायबरेली सीट को अपने पास बनाए रखने का विकल्प चुना और वायनाड सीट अपनी बहन को सौंप दी। यह परिवार के प्रभुत्व का एक उदाहरण है और वह भाजपा मतदाताओं के सामने इस मुद्दे को उजागर करेगी। नव्या हरिदास भाजपा की प्रदेश इकाई की महिला शाखा (महिला मोर्चा) की राज्य महासचिव हैं। हरिदास का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विकास का एजेंडा वायनाड में पार्टी के पक्ष में काम करेगा। ALSO READ: वायनाड से पहली बार चुनावी राजनीति में कदम रखेंगी प्रियंका गांधी, कितनी है जीत की संभावना
क्या कहते हैं वायनाड के चुनावी आंकड़े : वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में वर्ष 2019 के आम चुनाव के मुकाबले भाजपा ने वायनाड में अपनी वोट हिस्सेदारी 5.75 प्रतिशत तक बढ़ाई जब उसके प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने राहुल गांधी को टक्कर दी। राजग उम्मीदवार ने वर्ष 2024 में 1,41,045 वोट हासिल किए, जो 2019 के 78,816 वोट से अधिक हैं। वर्ष 2019 में इस सीट पर राजग के सहयोगी दल बीडीजेएस ने चुनाव लड़ा था। इस बीच, राहुल गांधी की जीत का अंतर वर्ष 2019 के 4,31,770 वोट से घटकर 3,64,422 रह गया। इंजीनियरिंग में स्नातक हरिदास ने राजनीति में लगभग संयोग से प्रवेश किया।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं नव्या : बी.टेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने एक सॉफ्टवेयर पेशेवर के रूप में काम किया। वर्ष 2009 में उन्होंने समुद्री इंजीनियर शोबिन श्याम से शादी की और सिंगापुर चली गईं, जहां उन्होंने चार साल तक काम किया। उन्होंने नीदरलैंड और अजरबैजान में भी काम किया। फिर वर्ष 2015 में छुट्टियों के दौरान कोझिकोड की यात्रा के दौरान (उन्हें उनके परिवार के आरएसएस से जुड़ाव के कारण) अप्रत्याशित रूप से केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में एक उम्मीदवार के रूप में नामांकित किया गया था।
वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं - वायनाड जिले के मनंथावाडी (अनुसूचित जानजाति के लिए सुरक्षित), सुल्तान बाथरी (अनुसूचित जनाजाति के लिए सुरक्षित) और कलपेट्टा, कोझिकोड जिले का तिरुवम्बाडी और मलप्पुरम जिले के एरानाड, नीलांबुर और वंडूर।
इनमें से वंडूर, कलपेट्टा अब्द सुल्तान बाथरी का प्रतिनिधित्व कांग्रेस द्वारा किया जाता है। एरानाड सीट कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के पीके बशीर के पास है। नीलांबुर के निर्दलीय विधायक पीवी अनवर, जो हाल ही में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ से अलग हो गए हैं, पहले ही प्रियंका के लिए समर्थन व्यक्त कर चुके हैं। तिरुवम्बाडी और मनंथावाडी सीट से माकपा के विधायक हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यकों और आदिवासी समुदायों की बड़ी आबादी है। (भाषा/वेबदुनिया)