अब क्या होगा : बता दें कि अब मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित सभी मामले स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत आएंगे। बरुआ ने कहा कि मुस्लिमों के विवाह और तलाक को पंजीकृत करने की जिम्मेदारी जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार की होगी। निरस्त हो चुके कानून के तहत कार्यरत 94 मुस्लिम रजिस्ट्रारों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्हें एकमुश्त 2 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।#WATCH मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: असम सरकार द्वारा असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने पर सपा सांसद एस.टी. हसन ने कहा, "मुसलमान क़ुरआन के हुक्म पर चलेगा एक्ट कितने भी बनाते रहें। क्या मुसलमानों से ये कहा जाएगा कि निकाह मत करो कोई और तरीका इस्तेमाल करो। क्या… pic.twitter.com/gCqj1mXZ1P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 24, 2024