असम सरकार का बड़ा फैसला, खत्‍म किया Muslim Marriage Act, जानिए क्‍या है एक्‍ट, अब आगे क्‍या होगा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024 (13:42 IST)
Muslim Marriage Act: असम सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, राज्‍य से Muslim Marriage Act खत्‍म कर दिया है। इसे UCC की ओर राज्य का पहला कदम माना जा रहा है।

असम सरकार ने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून 1930 को शुक्रवार को निरस्त कर दिया। यह निर्णय शुक्रवार रात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। कैबिनेट मंत्री जयंत मल्ल बरुआ ने इसे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

#WATCH मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: असम सरकार द्वारा असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने पर सपा सांसद एस.टी. हसन ने कहा, "मुसलमान क़ुरआन के हुक्म पर चलेगा एक्ट कितने भी बनाते रहें। क्या मुसलमानों से ये कहा जाएगा कि निकाह मत करो कोई और तरीका इस्तेमाल करो। क्या… pic.twitter.com/gCqj1mXZ1P

— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 24, 2024
अब क्‍या होगा : बता दें कि अब मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित सभी मामले स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत आएंगे। बरुआ ने कहा  कि मुस्लिमों के विवाह और तलाक को पंजीकृत करने की जिम्मेदारी जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार की होगी। निरस्त हो चुके कानून के तहत कार्यरत 94 मुस्लिम रजिस्ट्रारों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्हें एकमुश्त 2 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।

बाल विवाह रोकने में मिलेगी मदद : बता दें कि 1935 के पुराने अधिनियम द्वारा अंग्रेजों ने किशोर विवाह को आसान बना दिया था। यह कानून अंग्रेजों के समय बनाया गया था। बाल विवाह को रोकने के मकसद से सरकार ने इस कानून को निरस्त करने का फैसला लिया है। इससे अब बाल विवाह को रोकने में मदद मिलेगी।

पहले से थी तैयारी : बता दें कि असम सरकार ने बहुविवाह रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी काफी पहले से कर ली थी। राज्य सरकार ने इसके लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज वाली एक विशेष समिति बनाई थी। समिति की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों की चार महिलाओं से शादी परंपरा अनिवार्य नहीं है।
Edited by Navin Rangiyal

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