नई दिल्ली। कोई भी व्यक्ति जब कोई पूजा-अनुष्ठान करवाता है या फिर किसी मंदिर में जाता है तो वहां पूजा करवाते समय पंडित या पुजारी आपका गोत्र पूछता है। इसी तरह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी को जब किसी मंदिर में जाते होंगे तो वे अपना गोत्र क्या बताते होंगे? इस बात को लेकर सभी को जिज्ञासा रहती है।
कश्यप गोत्र क्यों? : कश्यप गोत्र के बारे में मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति को अपना गोत्र नहीं मालूम है तो वह अपना गोत्र कश्यप बता सकता है। इनमें ब्राह्मणों समेत सभी जातियों के लोग अपना गोत्र कश्यप बता सकते हैं। भारत कई कई जातियों में तो कश्यप उपनाम (सरनेम) के तौर पर उपयोग किया जाता है। जहां तक गोत्र का सवाल है तो वह अलग-अलग ऋषियों के नाम पर होते हैं। जैसे- गौतम, भरद्वाज, अत्री, मरीचि, शांडिल्य आदि।