लेकिन हो क्या हो रहा है
व्हाट्सएप के बयानों के अलावा दरअसल हो कुछ ओर रहा है। यूजर्स को व्हाट्सएप प्राइवेट पॉलिसी के जो नए अपडेट मिल रहे हैं, उसमें साफ़-साफ़ उन चीजों की सूची बनाई हुई है, जिसका एक्सेस वो प्राप्त करेगा। डेटा को हैंडल करने के नाम पर उसने खरीद-बिक्री, लोकेशन, संपर्क, आइडेंटीफायर्स, डायग्नोस्टिक्स, वित्तीय सूचनाएं, कॉन्टेक्ट्स इन्फो और यूजर कंटेंट के साथ-साथ डेटा यूजेज की जानकारी भी मांगी है। उम्र या फीचर के प्रयोगों के हिसाब से अलग-अलग प्राइवेसी प्रैक्टिसेज की बात कही गई है।
ऐसे में यूजर्स अब व्हाट्एप को अनइंस्टॉल कर के सिग्नल और टेलीग्राम जैसे नए मैसेंजर का रुख कर रहे हैं। लेकिन यूजर्स के दिमाग में यह भी चल रहा है कि इस बात की क्या गारंटी की यहां बाकी एप्स में उनकी प्राइवेसी को खतरा नहीं होगा।
व्हाट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम में क्या अंतर है
इस अंतर को इस ग्राफिक के जरिए समझिए...