क्या भारत में रह पाएगी पाकिस्तानी गर्लफ्रेंड सीमा हैदर? जानिए क्या कहता है कानून
मंगलवार, 11 जुलाई 2023 (19:33 IST)
Pakistani girlfriend Seema Haider: प्यार भले ही खेल नहीं है, लेकिन खेल-खेल में प्यार जरूर हो जाता है। सचिन मीणा और पाकिस्तान की शादीशुदा महिला सीमा रिन्द उर्फ सीमा हैदर का प्यार भी खेल-खेल में परवान चढ़ा और सीमा 4 बच्चों के साथ पाकिस्तान के जैकोबाबाद से सीमा पार कर नेपाल के रास्ते हिन्दुस्तान आ गई।
दरअसल, दोनों ही पब्जी गेम में पार्टनर थे। दोनों के बीच प्यार हुआ, फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ। पहली बार दोनों की मुलाकात नेपाल में ही हुई थी। दूसरी बार भी सीमा और सचिन नेपाल में ही मिली। वहीं उन्होंने शादी की फिर भारत आ गए। प्यार अपनी जगह है, लेकिन पाकिस्तानी सीमा पर शक की सुई भी है। उसे पाकिस्तानी जासूस भी कहा जा रहा है।
सब कुछ ठीक होने के बाद भी सीमा का भारत में रहना उतना आसान नहीं होगा। क्योंकि उसने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है। हालांकि अदालत ने सचिन और सीमा को जमानत दे दी, लेकिन भारत में रहने के लिए के लिए सरकार की अनुमति जरूरी होगी। हालांकि सीमा पाकिस्तान नहीं जाना चाहती, उसने हिन्दू धर्म अपना लिया है। उसका कहना है कि पाकिस्तान जाएगी तो उसकी हत्या हो सकती है।
नागरिकता संशोधन कानून के मुताबिक भी सीमा को भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुस्लिम होने के नाते उन्हें नागरिकता नहीं मिल सकती। दरअसल, भारत के नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को ही भारतीय नागरिकता मिल सकती है।
राजस्थान के सीमान्त इलाकों में वर्षों से रह रहे पाकिस्तान हिन्दुओं को भी लंबे समय से भारतीय नागरिकता का इंतजार है। हालांकि तत्कालीन वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में कुछ लोगों को नागरिकता प्रदान की गई थी।
क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम : CAA कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के प्रवासियों के लिए नागरिकता कानून के नियम आसान बनाए गए। इससे पहले नागरिकता के लिए 11 साल भारत में रहना जरूरी था। अब इस समय को घटाकर 1 से 6 साल कर दिया गया।
नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिन्दुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर किसी वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो गया। उचित दस्तावेज़ नहीं होने पर भी अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी। 2019 में देश में CAA कानून तो बन गया लेकिन देशभर में इसका जमकर विरोध हुआ और इसे लागू नहीं किया जा सका।
कौन है अवैध प्रवासी? : नागरिकता कानून, 1955 के मुताबिक के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और वीजा के बगैर घुस आए हों या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हों, लेकिन उसमें उल्लिखित अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक जाएं।
हालांकि अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। अवैध प्रवासियों को या तो जेल में रखा जा सकता है या फिर विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत वापस उनके देश भेजा जा सकता है। केंद्र सरकार ने साल 2015 और 2016 में उपरोक्त 1946 और 1920 के कानूनों में संशोधन करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को छूट दे दी है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala