हे समूह के विश्वस्तरीय वेतन मामलों के विशेषज्ञ बेन फ्रोस्ट ने कहा, ‘हमारे आंकड़े के अनुसार जब बात स्त्री पुरष के आधार पर वेतन दिए जाने की बात आती है तो एक ही कंपनी में समान काम करने वाले पुरुष और महिला के वेतन में अंतर होता है। कुछ मामलों में यह समान होता है लेकिन फिर भी इसका झुकाव पुरुषों के पक्ष में 1.6 प्रतिशत अधिक होता है।’ भारत में समान काम के लिए यही अंतर साढ़े तीन प्रतिशत है।
रपट में कहा गया है कि तेल एवं गैस, तकनीक और लाइफ साइंसेज जैसे ज्यादा वेतन देने वाले क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या कम हैं। इसके अतिरिक्त कम वेतन वाले क्षेत्र जैसे कि पर्यटन, होटल इत्यादि में भी बड़े और प्रबंधन पदों और ज्यादा वेतन वाले पदों पर पुरुषों का दबदबा है भले ही इस क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व उनसे ज्यादा हो। पे नेट डाटाबेस के पास 110 देशों की 25,000 कंपनियों के दो करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों का ब्यौरा है। (भाषा)