इनके लिए प्रारम्भ में किसी अनुभवी योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ताड़ासन, पादहस्तासन, मत्स्यासन, नौकासन, सूर्य नमस्कार, शवासन, (relaxation) विपरीत करणी आदि यौगिक क्रियाएं की जा सकती हैं। इसके साथ ही योगाभ्यास से शरीर का अंत:स्रावी ग्रन्थी तंत्र (indo crine gland system) पुष्ट होता है जिसका सीधा असर शारीरिक, बौद्धिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ भावनात्मक क्षमताओं के विकास पर पड़ता है।