नई दिल्ली। असंतुष्ट भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि उनका भाजपा छोड़ने का कोई इरादा नहीं है, पार्टी अगर चाहे तो उन्हें बाहर फेंक सकती है। सिन्हा ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें कई खत भी भेजे लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्र मंच नाम का एक संगठन बनाया।
उन्होंने कहा कि मंच के समक्ष जो काम हैं उनमें से एक यह सुनिश्चित करना भी है कि राजग सरकार की नीतियां भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप हों। आम बजट 2018-19 पर यहां आयोजित एक संगोष्ठी से इतर उन्होंने बताया, मैं भाजपा क्यों छोड़ूं? मैंने 2004 से 2014 तक कड़ी मेहनत की थी जब संप्रग सत्ता में थी।
सिन्हा ने कहा, पार्टी अगर चाहती है तो उसे मुझे बाहर फेंकने दीजिए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में वित्तमंत्री रहे सिन्हा ने कहा कि मौजूदा राजग सरकार की नीतियां चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों के अनुरूप नहीं हैं।
सिन्हा ने कहा, मेरा विरोध उन्हें भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र की लाइन पर वापस लाने के लिए है। मैं पिछले चार साल से इस लक्ष्य के लिए सक्रिय हूं और यह राष्ट्र मंच के गठन के तौर पर सामने आया। (भाषा)