कन्नूर। केरल में वामपंथी हिंसा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने 'जनरक्षा यात्रा' के दूसरे दिन अपने तेजतर्रार नेता और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उतारा। योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक हिंसा और लव जिहाद जैसे मुद्दे को लेकर केरल सरकार पर निशान साधा।
कीचड़ी से कन्नूर के बीच लगभग 10 किलोमीटर की पदयात्रा योगी ने दो चरणों में पूरी की। बाद में कन्नूर में ही उन्होंने एक रैली को भी संबोधित किया। पदयात्रा के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विदेशी विचारधारा से लाल हो रही इस धरती को फिर से केसरिया रंग में करने की जरूरत है। उन्होंने केरल की भूमि को शंकराचार्य, नारायण गुरू और अन्य महान संतों से जोड़ते हुए वामपंथ को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। हिंदुत्व की रक्षा के लिए केरल से हुए प्रयासों के जिक्र पर खूब तालियां भी बटोरी।
यात्रा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने 'लव जिहाद' के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और विरोधियों की हत्या की राजनीति करने के लिए केरल सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लव जिहाद रोकने में केरल सरकार की विफलता का नतीजा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनआईए इसकी जांच कर रही है।
केरल में 124 कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए सीपीएम सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा में कोई स्थान नहीं होने के बावजूद यहां दशकों से यह खेल जारी है। अब भाजपा ने इसका प्रतिकार करने का फैसला कर लिया है और यह पदयात्रा इसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हिंसा वामपंथी विचारधारा का अंग है और वे बंदूक के बल पर सत्ता हासिल करने में भरोसा करते हैं।
पदयात्रा से जनता के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भरोसा फिर से कायम होगा और वे लाल आतंक और जेहादी आतंक के खिलाफ आवाज बुलंद कर सकेंगे। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने केरल के कार्यकर्ताओं को भरोसा दिया कि इस लड़ाई में पूरे देश के कार्यकर्ता उनके साथ हैं और एक आह्वान पर उनके साथ संघर्ष करने को तैयार हैं।
लाल आतंक के खिलाफ पदयात्रा के पहले केरल के अस्पतालों के दौरे के मुख्यमंत्री पी. विजयन के तंज पर पलटवार करते हुए उन्होंने उल्टे उत्तर प्रदेश के पिछले छह महीने में हुए काम से सीखने की सलाह दे दी।
योगी आदित्यनाथ के यात्रा में शामिल होने के ऐलान के तत्काल बाद मुख्यमंत्री पी विजयन ने गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की हुई मौत को लेकर तंज कस दिया। इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने केरल के मुख्यमंत्री को उत्तरप्रदेश में हुए काम से सीखने की सलाह दे दी। योगी ने कहा कि छह महीने के अंदर केवल डेंगू से 300 से अधिक मौते केरल में हुई हैं। जबकि केरल जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश से बहुत छोटा है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। चिकनगुनिया पर भी काफी नियत्रण हुआ है। इसके साथ ही अन्य संक्त्रामक रोगों पर भी नियंत्रण हुआ है। लेकिन केरल में बार-बार मौका मिलने के आम जनता की बुनियादी सुविधा, रोजगार और सुरक्षा उपलब्ध कराने में यहां की सरकार बुरी तरह विफल साबित हुई है। भाजपा को इसी कारण यहां जनरक्षा यात्रा निकालना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि साल 2016 में संपन्न हुए केरल के विधानसभा चुनाव में यहां 140 सीट में से भाजपा का सिर्फ 1 विधायक है। 19 विधायक CP1, 58 विधायक CPIM, 22 कांग्रेस और 2 विधायक NCP के हैं। इन सब के बीच बड़ी बात यह है कि यात्रा के दूसरे ही दिन कमान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को दे दी गई। इससे यह साफ होता है कि शाह, ने वामपंथ के मजबूत गढ़ को ढहाने के लिए जिस तुरुप के पत्ते को खोला है उसकी काट शायद वामदलों के पास नहीं है। ध्यान रहे कि केरल में भी लगभग साठ फीसद आबादी हिंदू है। (एजेंसी)