क्यों नहीं बुझ रही उत्तराखंड की आग, 1 हजार हैक्टेयर जंगल खाक, 5 की मौत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 6 मई 2024 (11:07 IST)
  • कुल 910 घटनाएं घटित हो चुकी हैं, करीब 1145 हेक्टेयर जंगल प्रभावित
  • 1 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जंगल पूरी तरह से खाक
  • अब तक 5 लोगों की मौत की खबर
Uttarakhand forest fires:उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अल्मोड़ा और बागेश्वर सहित कई जिलों में जंगल जल रहे हैं। अल्मोड़ा जिले के जंगलों की आग तो और ज्यादा भभकती हुई धीरे-धीरे बेकाबू होती जा रही है। आग बुझाने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। अब तक एक हजार हैक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए हैं। इस बीच 5 लोगों की मौत की खबर भी है।
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Uttarakhand forest fire: Blame game is going on, but no solution has been found till now!

3 workers from Nepal dead in Uttarakhand forest fire in 24 hours.

Frequency of forest fires in India.
Role of climate change in forest fires.
Extremely and very highly fire-prone zones of… pic.twitter.com/xbFTQ5W6Gj

— Civil Learning (@CivilLearning1) May 4, 2024 >बताया जा रहा है कि दर्जन भर जंगलों में आग लगी हुई है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को सभी जिलाधिकारियों को एक हफ्ते का नोटिस देकर जंगल की आग की नियमित निगरानी निर्देश जारी करने को कहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 1 नवंबर से अब तक उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की कुल 910 घटनाएं घटित हो चुकी हैं और करीब 1145 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। बीते शनिवार को राज्य में हो रही जंगलों में आग की घटनाओं को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जंगलों की आग की चपेट में आने से अब तक कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं जंगलों से निकलने वाले धुएं के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

बाड़ाहाट रेंज के जंगलों में फैली आग रविवार तक नहीं बुझ पाई. इसके अलावा मुखेम रेंज के डांग, पोखरी गांव से लगे जंगल के साथ डुंडा रेंज के चामकोट व दिलसौड़ क्षेत्र में भी जंगल आग की चपेट में हैं। इसके अलावा धरासू रेंज में फेडी व सिलक्यारा से लगे जंगल भी धधकते नजर आए। वन विभाग के आकड़ों के मुताबिक वनाग्नि की चपेट में आकर उत्तरकाशी वन प्रभाग में 19.5 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं। आग बुझाने के सारे प्रयास असफल होते नजर आ रहे हें।
Edited By Navin Rangiyal

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