मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने आज यहाँ ऐतिहासिक जामा मस्जिद में हुई बैठक में अयोध्या में रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के फैसले को खारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय में अपील करने का निर्णय लिया।
जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने यहाँ संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए कहा कि मुस्लिमों का पूरी बाबरी मस्जिद पर हक है इसलिए यह फैसला कतई स्वीकर नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी के सांसद राफीक उर रहमान वर्क तथा इस मौके पर देशभर से आए 40 से अधिक मुस्लिम बुद्धिजीवी भी मौजूद थे। इमाम बुखारी ने कहा कि यह फैसला आस्था पर आधारित राजनीति से प्रेरित एवं शरीयत में दखल है इसलिए इसे स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
इमाम बुखारी ने कांग्रेस नेता का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि उन्होंने फैसला आने से पहले लखनऊ में न्यायाधीशों पर दबाव बनाया और मुस्लिमों के हक में फैसला रोकने में सफल रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिमों को पूरी उम्मीद थी कि फैसला कानून सम्मत होगा किन्तु इसे आस्था के नाम पर पलट दिया गया जो संविधान एवं न्याय के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अब बातचीत का कोई औचित्य नहीं रह गया है। (वार्ता)