भारत-रूस मिलकर बनाएँगे लड़ाकू विमान

गुरुवार, 7 अक्टूबर 2010 (19:47 IST)
रक्षा संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाते हुए भारत और रूस ने पाँचवी पीढ़ी के 300 लड़ाकू विमान और 45 परिवहन विमान संयुक्त रूप से विकसित करने के समझौते को आज अंतिम रूप दे दिया।

भारत और रूस के सैन्य तकनीकी आयोग की दो दिन चली बैठक में दोनों देशों ने अपने रक्षा सहयोग को 2020 तक आगे बढ़ाने के समझौते पर भी हस्ताक्षर कर दिए। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने तय किया कि आने वाले दस वर्षों में दोनों देश 250 से 300 लड़ाकू विमान और 45 बहुद्देश्यीय परिवहन विमान मिलकर विकसित करेंगे। इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में दोनों देश आधा-आधा धन लगाएँगे और इन पर करीब 25 अरब डॉलर का खर्च आने का अनुमान है।

आयोग की बैठक के बाद रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि सैन्य उपकरणों की डिलीवरी में देरी होने के कुछ मामलों पर हमारी चिंताएँ थीं और आयोग की बैठक में हमने इन पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। एंटनी ने यह बात ऐसे समय कही है जब रूस से विमानवाहक पोत एडमिरल गोर्श्कोव और परमाणु पनडुब्बी मिलने में पहले ही काफी देरी हो चुकी है।

एंटनी ने बताया कि दोनों देश परिवहन विमानों के विकास की परियोजना में शेयर हिस्सेदारी के समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और संयुक्त उपक्रम के समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया है। आने वाले महीनों में दोनों परियोजनाओं के अंतिम समझौतों पर हस्ताक्षर हो जाएँगे।

समझा जाता है कि रूसी प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन की दिसम्बर में होने वाली भारत यात्रा में इन समझौतों पर मुहर लग जाएगी। (वार्ता)

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