हैदराबाद। तेलुगु फिल्म स्टार और केंद्रीय मंत्री चिरंजीवी के छोटे भाई पवन कल्याण ने शुक्रवार को ‘जनसेना’ नामक नई पार्टी की शुरुआत की और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए देश को बचाने के लिए लोगों से अपनी पार्टी के पक्ष में वोट देने की अपील की।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नारे को दोहराते हुए पवन ने ‘कांग्रेस हटाओ, देश बचाओ’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि मैं सुनिश्चित करूंगा कि अगले 5 वर्षों तक कांग्रेस नहीं जीते। उन्होंने सोनिया गांधी को अपने पुत्र राहुल गांधी को विजयनगरम सीट से चुनाव लड़ाने की चुनौती दी।
क्या मेगास्टार चिरंजीवी के भाई पवन कल्याण आंध्र प्रदेश (तेलंगाना और सीमांध्र) में राजनीतिक समीकरण को बदल सकते हैं? आंध्र प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल का अगला निशाना ताज हासिल करना है। हालांकि राज्य के विभाजन की प्रक्रिया तब पूरी होगी जबकि चुनाव पूरे हो चुके होंगे और चुनावों के परिणाम भी सामने आ चुके होंगे, इसलिए दो राज्यों, तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश (सीमांध्र) में दो सरकारों के गठन की संभावनाएं बहुत ऊंची हैं। जहां तक मतदाताओं की नब्ज का सवाल है तो तेलंगाना में टीआरएस और कांग्रेस के बीच मुकाबला हो रहा होगा़ इसलिए किसी नई पार्टी के वहां आने से कोई बड़ा अंतर नहीं पड़ेगा।
जहां तक सीमांध्र का प्रश्न है तो सभी दल, टीडीपी से लेकर वाईएसआर कांग्रेस से लेकर जय समीख्यांध्र और भाजपा तक सभी का सीमांध्र के लिए विकास ही एकमात्र एजेंडा है और सभी दल राज्य के विभाजन के लिए केवल कांग्रेस को ही दोषी ठहरा रही हैं।
ऐसे में इस समय पर अगर पवन कल्याण अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं तो इस बात को लेकर बड़ा संदेह है कि वे तेलंगाना और सीमांध्र के मतदाताओं को प्रभावित कर पाएंगे। हालांकि इस समय पर मतदाताओं का एक वर्ग पवन की विचारधारा से प्रभावित भी हो तो क्या यह पार्टी तेलंगाना और सीमांध्र में सरकारों के गठन में कोई अंतर पैदा कर सकती है? इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं मिलता है।
रामगोपाल वर्मा ने किया समर्थन : स्वतंत्र विचारों वाले फिल्म डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा ने पवन के राजनीति में प्रवेश की भविष्यवाणी की थी। जैसे ही पवन कल्याण की नई पार्टी का नाम 'जनसेना' के बारे में समाचार फैला, रामगोपाल वर्मा ने अपने ट्वीट्स के जरिए से इसे अपना समर्थन दिया। जनसेना पार्टी पर उनका एक ट्वीट इस प्रकार है.....जनसेना पार्टी शिवसेना से हजार गुना बेहतर है। (एजेंसी/वेबदुनिया)