भाजपा नेता सुषमा स्वराज 'कोप भवन' में!

बुधवार, 14 मई 2014 (21:11 IST)
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इस लोकसभा चुनाव में लगभग हाशिये पर रही भाजपा की वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाली सुषमा स्वराज आखिर हैं कहां? ट्‍विटर पर भी वे सक्रिय नहीं हैं। आखिरी ट्‍वीट भी उन्होंने 8 मई को किया था, जिसमें उन्होंने बिहार के सिवान में एक सभा लेने का उल्लेख किया है और कहा है वहां से भाजपा का उम्मीदवार जीत रहा है।

बताया जा रहा है कि सुषमा स्वराज इस समय 'कोप भवन' में हैं। वे नाराज बताई जा रही हैं। सुषमा को आडवाणी खेमे से माना जाता है और यह भी किसी से छिपा नहीं है कि स्वयं आडवाणी भी नरेन्द्र मोदी और राजनाथ से नाराज हैं। हालांकि यह भी खबरें आ रही हैं कि मोदी सरकार में उन्हें विदेश मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

इस बीच, भाजपा अध्यक्ष राजनाथसिंह और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी सुषमा स्वराज से मुलाकात की है। इन नेताओं से सुषमा ने कहा है कि उनकी भूमिका सरकार में महत्वपूर्ण होनी चाहिए, जिसका दोनों नेताओं ने उन्हें भरोसा भी दिलाया है। कहा जा रहा है कि सुषमा को सीसीएस में भी रखा जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री समेत पांच सदस्य होते हैं।

यह भी चर्चा जोरों पर है कि नाराज सुषमा मोदी से मिलने गांधीनगर भी नहीं जा रही हैं, दूसरी ओर राजनाथ, गडकरी और जेटली गांधीनगर जा रहे हैं, जहां वे मोदी से मुलाकात कर भावी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पूर्व इस तरह की खबरें सामने आती रही हैं, जिनमें कहा गया था कि मोदी खेमा स्मृति ईरानी को सुषमा के मुकाबले खड़ा कर रहा है। भविष्य में स्मृति को सुषमा के विकल्प के रूप में सामने लाया जा सकता है। अब सुषमा मानती हैं या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन सरकार बनाने से पहले भाजपा में रूठने-मनाने का दौर शुरू हो गया है।

मैं नाराज नहीं हूं : भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने भोपाल में कहा है कि वह नाराज नहीं हैं और मान-मनौव्वल जैसी भी कोई बात नहीं है। पार्टी में सुषमा की नाराजगी की तेज होती खबरों के बीच वह आज अपरान्ह विमान से भोपाल आई और जब मीडिया ने उनसे इस बारे में सवाल किए, तो उन्होने कहा, ‘नाराजगी और मान-मनौव्वल जैसी कोई बात नहीं है’।

उन्होने कहा कि आज नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह एवं वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी का उनके घर आना शिष्टाचार था। उन्होने (दोनो नेता) मुझसे सुषमा शिष्टाचार के नाते भेंट की थी।

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