नेशनल प्रेयर सर्विस में विभिन्न धर्मों की प्रार्थनाएं

सोमवार, 23 जनवरी 2017 (18:33 IST)
वॉशिंगटन डीसी। राजधानी वॉशिंगटन के नेशनल कैथड्रेल में नेशनल प्रेयर सर्विस आयोजन किया गया जिसके दौरान विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस समारोह की खास बात यह थी कि बीते शनिवार को हुए इस आयोजन में पुजारी ने अपनी प्रार्थना संस्कृत में पढ़ी, लेकिन उसका भाषान्तरण नहीं किया गया। बहुधर्मी प्रार्थना सभाओं के आयोजन में वैश्विक हिन्‍दू और सिख प्रार्थनाएं भी पढ़ी गईं। इसका उद्देश्य नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के लिए दैवीय मदद का आह्वान किया गया।
इस अवसर हिन्‍दू पुजारी नारायणाचार दिगालाकोटे ने संस्कृत में अपनी प्रार्थना पढ़ी और यह प्रार्थना उन लोगों के लिए थी जो सरकार और सत्ता के उच्च पदों पर पदस्थ हैं। इसके बाद अमेरिकन सिख्स फॉर ट्रंप के संस्थापक जेसी सिंह ने पंजाबी में एक प्रार्थना पढ़ी जो सिखों के दसवें गुरु महाराज गुरु गोविंदसिंह ने रची थी। 
 
यह प्रार्थनाएं आम लोगों के लिए थीं। एक सूट और काली पगड़ी पहने सिंह ने अपनी प्रार्थना का अंग्रेजी में भाषान्तरण भी किया और बताया कि यह प्रार्थना देश की एकता, सभी को एक सूत्र में बांधने वाली और समानता के लिए थी।
 
सिंह ने समाज के उन तबकों के लोगों के लिए भी प्रार्थना पढ़ी जो सभी की भलाई के लिए गंदे और खतरनाक काम करते हैं। उन्होंने उन लोगों के लिए भी गुरुओं से आशीर्वाद मांगा जिन लोगों का जीवन हम सभी से बंधा है। मस्तक पर तिलक लगाए और के‍सरिया शॉल पहने पंडित दिगालाकोटे ने एक श्लोक का उच्चारण किया जिसमें उन्होंने देश की सत्ता से जुड़े सभी लोगों के लिए दैवीय आशीर्वाद मांगा।
 
सिंह और यहूदी रब्बी, मुस्लिम इमामों ने अपनी प्रार्थनाओं और धार्मिक वचनों को अंग्रेजी में ट्रांसलेट भी किया जबकि वॉशिंगटन के एक उपनगर लैनहाम के शिव-विष्णु मंदिर के पुजारी अपनी रटी रटाई प्रार्थना सुनाकर चले गए और उपस्थित लोगों की समझ में नहीं आया कि प्रार्थना का उद्देश्य क्या था। विदित हो कि दिगालाकोटे को 'व्हाइट हाउस के पुजारी' के नाम से भी जाना जाता है और उन्होंने बराक ओबामा के कार्यकाल में आयोजित किए गए दीपावली पूजनों को करवाया था।   

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