इस बार देवशयनी एकादशी 27 जुलाई, सोमवार को मनाई जाएगी। देवशयनी एकादशी के साथ ही चार माह के लिए भगवान विष्णु शयनगार में चले जाएंगे। इसी कारण अब शुभ विवाह के मांगलिक आयोजन 4 माह बाद शुरू होंगे। देवशयनी एकादशी को हरिशयनी भी कहते हैं।
भगवान ने उससे युद्घ करना उचित न समझा और छलपूर्वक वामन रूप धारण कर उससे तीन पग भूमि मांग ली। तब स्वर्ग लोक, मृत्यु लोक आदि नाप लिए। तीसरा पैर राजा के सिर पर रखा। इंद्र को स्वर्ग देकर राजा बलि को पाताल भेज दिया। इसी के अनंतर भगवान ने चातुर्मास के लिए शयन किया।
मान्यता है कि जब भगवान शयन करते हैं, तब मांगलिक आयोजन नहीं होते हैं। चार माह तक धर्म ध्यान होते हैं। श्रावण उत्सव, भाद्रपद में श्रीमद्भागवत, कुंवार में श्राद्घ और मां शक्ति की आराधना होती है। कार्तिक शुक्ल एकादशी को देव उठते हैं। इसके बाद मांगलिक आयोजन शुरू होते हैं।