विनायक चतुर्थी 2024: सावन मास का दूर्वा गणपति व्रत आज, जानें महत्व और मंत्र

WD Feature Desk
गुरुवार, 8 अगस्त 2024 (13:15 IST)
Highlights  
 
विनायकी चतुर्थी आज।
दूर्वा गणपति व्रत के दिन क्या करें।
दूर्वा गणपति व्रत का मंत्र जानें।

ALSO READ: Nag panchami 2024: नागपंचमी पर भूलकर भी न करें ये 10 काम, वर्ना पछताएंगे 
 
Durva Ganpati Vrat: आज श्रावण मास की विनायक चतुर्थी है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष सावन महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश की दूर्वा से पूजन करने का विधान है, जिसे दूर्वा गणपति व्रत के नाम से जाना जाता हैं। इस बार यह व्रत 08 अगस्त 2024, गुरुवार को रखा जा रहा है।

मान्यतानुसार इस दिन भगवान श्री गणेश को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाने की परंपरा है। इससे जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति का मार्ग मिल जाता है तथा श्री गणेश प्रसन्न होकर सुखी और संपन्न होने का आशीष देते हैं। 
 
पौराणिक शास्त्रों में श्री गणेश की आराधना बहुत ही मंगलकारी मानी गई है। विघ्नहर्ता के नाम से पहचाने जाने वाले प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की आराधना इस दिन भक्त विभिन्न प्रकार से श्री गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं।

अभी श्रावण मास चल रहा है और इन दिनों शिव परिवार का पूजन करना लाभदायी माना जाता है। ऐसे में दूर्वा गणपति व्रत के दिन श्री गणेश के पूजन के समय मंत्र 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि।' बोलते हुए गणेश जी को दूर्वा अर्पण करना चाहिए। साथ ही उनके 12 नामों, श्लोक, स्तोत्र, आदि का जाप करें। इस दिन गणेश पूजन के दौरान परिक्रमा करते समय श्री गणेश जी के पीठ के दर्शन नहीं करना चाहिए, मान्यतानुसार भगवान श्री गणेश की पीठ पर दरिद्रता का वास होता है। अत: उनकी पीठ के दर्शन न करें तथा इस बात का अवश्य ध्यान रखें। पुराणों के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में दूर्वा गणपति व्रत किया जाता है। इस दिन श्री गणेश का पूजन कर उन्हें दूर्वा अर्पित करने का विशेष महत्व है।

यदि आप प्रतिदिन श्री गणेश को दूर्वा अर्पण नहीं कर पा रहे हैं तो उनकी आराधना कुछ खास दिनों में जैसे विनायकी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, श्री गणेश चतुर्थी, बुधवार, गणेश जयंती आदि दिनों में खास तौर पर श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाकर उनका पूजन करने से अपने समस्त संकटों का शीघ्र ही निवारण होगा। चतुर्थी के दिन श्री गणेश को पूजन के समय दूर्वा चढ़ाने से नकारात्मकता दूर होती है, क्योंकि दूर्वा श्री गणेश को अतिप्रिय है, इससे घर में खुशहाली आती है। अत: चतुर्थी व्रत बहुत ही लाभकारी माना गया है। 
 
मंत्र- 
- 'ॐ गं गणपतयै नमः' 
- 'श्री गणेशाय नम:'
- 'एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।' 
मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए। 

ALSO READ: August Weekly Muhurat : नए सप्ताह के सर्वश्रेष्‍ठ शुभ मुहूर्त, जानें (05 से 11 अगस्त 2024)
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख