2025 Laxmi Panchami : लक्ष्मी पंचमी का व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत माता लक्ष्मी को समर्पित है और इसे धन और समृद्धि की देवी की पूजा करने का एक शुभ दिन माना जाता है। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए लक्ष्मी पंचमी का व्रत एक उत्तम अवसर है।ALSO READ: सौभाग्य सुंदरी व्रत का क्या है महत्व, जानिए पौराणिक कथा
वर्ष 2025 में कब रखा जाएगा व्रत : घर में देवी लक्ष्मी का स्वागत करने वाला यह पर्व इस बार 2 अप्रैल 2025, दिन बुधवार को पड़ रहा है। इस दिन लक्ष्मी पूजन हेतु पंचमी तिथि का प्रारम्भ- अप्रैल 02, 2025 को तड़के 02 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर पंचमी तिथि का समापन- अप्रैल 02, 2025 को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट पर हो रहा है। अत: लक्ष्मी पंचमी बुधवार, अप्रैल 2, 2025 को मनाई जा रही है।
आइए जानते हैं व्रत का महत्व और पूजन विधि और इससे मिलने वाले लाभ के बारे में...
लक्ष्मी पंचमी व्रत का महत्व: चैत्र शुक्ल पंचमी को किया जानें वाला यह व्रत माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस दिन की गई श्री आराधना मनोवांछित फल प्रदान करती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से घर में धन और समृद्धि आती है। यह व्रत आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता है और जीवन में सुख-शांति लाता है।
यह व्रत सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है।
लक्ष्मी पंचमी व्रत की पूजा विधि:
लक्ष्मी पंचमी व्रत के दिन, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
माता लक्ष्मी को फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती करें।
कुछ लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं।
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।
इस दिन कनकधारा स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्रम और श्री सूक्तम आदि स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए।
व्रत के लाभ:
- इस व्रत से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में सुख-शांति आती है।
- सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
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