रंगपंचमी के बाद आने वाले खास पर्व शीतला सप्तमी माता को भोग लगाने के लिए एक दिन पहले ही घरों में खाना बनाकर रख दिया जाता है तथा अगले दिन यानी सप्तमी-अष्टमी वाले दिन शीतला माता का पूजन करके उन्हें दही, चावल और अन्य कई चीजों से नैवेद्य का भोग लगाया जाएगा। तत्पश्चात घर के सभी लोग भी ठंडा यानी बसौड़ा भोजन ग्रहण करते हैं।
जो लोग शीतला सप्तमी या अष्टमी के दिन ठंडा भोजन खाते हैं, उन्हें ठंड के प्रकोप से होने वाली बीमारियां नहीं होती हैं। मान्यतानुसार कई लोगों को ठंड के कारण पीत-ज्वर, फोड़े-फुंसी, आंखों से संबंधित परेशानियां आदि होने की संभावनाएं बनी रहती हैं अत: ऐसे लोगों को शीतला सप्तमी या अष्टमी के दिन ठंडा भोजन करना चाहिए। शीतला सप्तमी और अष्टमी (Sheetla Mata Bhog) पर ठंडा खाना खाने से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। इस दिन माता को निम्न चीजों का भोग लगाया जाता है।