Vinesh Phogat CAS Hearing Verdict : विनेश फोगाट के मेडल पर CAS का फैसला अब 16 अगस्त को

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 13 अगस्त 2024 (21:40 IST)
Vinesh Phogat : पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट को 7 अगस्त को फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। इसके खिलाफ उन्होंने उसी शाम कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS)  में अपील की थी। इस पर 9 अगस्त को सुनवाई हुई थी और इसका फैसला आ गया है। अब इस पर फैसला 16 अगस्त को आएगा। 

खेल पंचाट (कैस) के तदर्थ प्रभाग ने मंगलवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक में फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील पर फैसला फिर 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया।
 
खेल पंचाट को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को फैसला सुनाना था लेकिन इसे फिर तीसरी बार टाल दिया गया। इससे 29 वर्षीय भारतीय पहलवान का इंतजार बढ़ गया है।
 
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुताबिक ‘‘खेल पंचाट के तदर्थ प्रभाग के अध्यक्ष ने विनेश फोगाट बनाम यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट को अपना फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार 16 अगस्त 2024 पेरिस समय के अनुसार शाम छह बजे (भारतीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे) तक अनुमति दी है। ’’
 
इस पहलवान ने पिछले बुधवार को खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ अपील की और मांग की कि उसे क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली।
 
अयोग्य ठहराए जाने के एक दिन बाद विनेश ने खेल से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि उसके पास खेल जारी रखने की ताकत नहीं है। हालांकि दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ियों ने इस 29 वर्षीय पहलवान का समर्थन किया है जो अपने तीसरे ओलंपिक खेलों में भाग ले रही थी।

क्या हुआ था विनेश के साथ : विनेश ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं। उनके फाइनल में जाने से देश का कम से कम सिल्वर मेडल पक्का हो गया था। हालांकि 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण विनेश फाइनल में पहुंचने के बाद भी मेडल के लिए मुकाबला नहीं खेल सकी थीं।
 
इतिहास रच सकती है विनेश : विनेश ने इस मामले के खिलाफ CAS में अपील की थी और इस मामले पर फैसला आज आ सकता है। अगर फैसला विनेश के फेवर में आता है तो उनको सिल्वर मेडल मिलेगा और उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।
 
विनेश की तरफ से चार वकीलों चार्ल्स एमसन, जोएल मोनलुइस, हैबिन एस्टेले किम और एस्टेले इवानोवा ने उनका पक्ष रखा। बाद में भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने भी इस मामले में आईओए की तरफ से विनेश की पैरवी की थी। इनपुट एजेंसियां

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