अमेरिका भी आठवीं बार चांद पर साफ्ट लैंडिंग कर पाया था। बिना प्रमाण के इस मिशन को विफल नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि चंद्रयान का प्रक्षेपण, लैंडर का अलग होना, ऊंचाई बढ़ाने और ब्रेकिंग प्रणाली आदि सफल रही। इसके 8 वैज्ञानिक उपकरण अपने डिजाइन के अनुसार काम कर रहे हैं और आंकड़े भी भेज रहे हैं। सटीक प्रक्षेपण और कुछ अन्य कारणों से आर्बिटर की मिशन अवधि बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि आर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण 22 जुलाई को हुआ था। यह यान ने 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। उन्होंने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग हाउसिंग खास कर स्मार्ट सिटी, रेलवे लाइन, जीयो मनरेगा, वन और मृदा की गुणवत्ता के क्षेत्र में कर रही है।