क्या अंबेडकर नगर में जीत की हैट्रिक लगाएंगे AAP के अजय दत्त, क्या चाहते हैं वोटर्स?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 23 जनवरी 2025 (12:32 IST)
Delhi elections ambedkar nagar seat : दिल्ली की अंबेडकर नगर विधानसभा सीट पर आप के अजय दत्त को भाजपा और कांग्रेस उम्मदवारों से कड़ी टक्कर मिल रही है। राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव के लिए चरम पर पहुंचते जा रहे प्रचार के बीच मतदाताओं का एक वर्ग ऐसा भी है जो राजनीतिक दलों के लुभावने वादों से उब चुका है। वह इस बार मुफ्त की रेवड़ी की बजाय बुनियादी सुविधाओं के आधार पर मतदान करने पर जोर दे रहा है।
 
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, आंबेडकर विधानसभा सीट पर कुल 1,62,748 मतदाता हैं जिनमें से 85,359 पुरुष तथा 77,363 महिलाएं हैं। वहीं क्षेत्र में तृतीय लिंग के 26 मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में खानपुर, मदनगीर, दक्षिणपुरी, जवाहर पार्क, राजू पार्क, सैनिक फार्म समेत अन्य इलाके आते हैं।
 
अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित दक्षिण दिल्ली की आंबेडकर नगर विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनाव से आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम है। इस बार भी पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक अजय दत्त पर दांव लगाया है। भाजपा ने पिछले चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में नाकाम रहे खुशी राम चुनार पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। कांग्रेस की ओर से जय प्रकाश को टिकट दिया गया है।
 
तीनों प्रमुख दल लुभावने वादों से क्षेत्र की जनता को अपनी ओर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन स्थानीय लोग इस बार मुफ्त की रेवड़ी की जगह यातायात प्रबंधन, भारी जाम, सड़कों की मरम्मत, साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं।
 
राजनीतिक दल भले ही 2100 से 2500 रुपये प्रति माह देने का वादा कर महिला मतदाताओं को अपनी ओर करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन दिल्ली की आंबेडकर नगर विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले जवाहर पार्क की निवासी लक्ष्मी का कहना है कि इन लुभावने वादों का कोई मतलब नहीं है जब उन्हें रोजमर्रा के जीवन में भारी जाम, खराब सड़कों, साफ-सफाई जैसी परेशानियों का सामना करना पड़े।
 
उन्होंने कहा कि मैं पिछले 10-12 वर्ष से इस इलाके में रह रही हूं लेकिन पिछले कुछ समय से यहां लगने वाला जाम और रेहड़ी-पटरी वालों के सड़कों को घेर लेने से हमारी समस्या काफी बढ़ गई है। कोई भी दल यहां की बुनियादी सुविधाओं पर बात ही नहीं कर रहा है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या महरौली-बदरपुर रोड पर लगने वाला जाम है। जिस रास्ते से निकलने में 10 से 15 मिनट का समय लगना चाहिए, वहां हम कई घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं।
 
खानपुर गांव के निवासी रवि ने भी इलाके के यातायात प्रबंधन तथा रेहड़ी पटरी वालों के कारण जाम की परेशानी की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां मेट्रो के काम के कारण पहले ही सड़क की चौड़ाई काफी कम हो गई है और बाकी जगह रेहड़ी-पटरी वाले घेर लेते हैं। व्यस्त घंटों में यहां सड़क पर इतना भयंकर जाम लग जाता है कि पैदल चलने की जगह तक नहीं रहती। इस समस्या से सभी दल अवगत हैं लेकिन किसी ने भी इसे चुनावी मुद्दा बनाना जरूरी नहीं समझा।
 
यातायात प्रबंधन से जुड़ी परेशानी का सामना इस क्षेत्र के पॉश इलाके सैनिक फार्म के लोगों को भी करना पड़ रहा है। सैनिक फार्म की निवासी आरती का कहना है कि महरौली-बदरपुर रोड पर जाम लगने के बाद अक्सर निकटवर्ती इलाकों के लोग सैनिक फार्म से निकलने की कोशिश करते हैं जिससे यहां भी भारी जाम लग जाता है।
 
उन्होंने कहा कि जाम के कारण हमारा ही अपने घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। हमारी राजनीतिक दलों से यही अपील है कि वे मुफ्त सुविधाओं से लोगों के वोट हासिल करने की बजाय बुनियादी सुविधाओं में सुधार करें ताकि जनता उनके काम को देखकर उनके लिए वोट करे।
 
विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने मेट्रो के काम, रेहड़ी-पटरी वालों के जमावड़े, यातायात के खराब प्रबंधन तथा बारिश में जल निकासी की समस्या के अलावा गली-नुक्कड़ पर खुल गईं शराब की दुकानों को भी भारी जाम की वजह बताया।
 
कृष्णा पार्क के निवासी नरेन्द्र ने कहा कि इलाके में सब्जी मंडी के बीच में जब से शराब की दुकान खुल गई है लोगों के लिए वहां से निकलना मुश्किल हो गया है। दुकान के बाहर वाहन खड़े करने की जगह नहीं है, इसलिए लोग सड़क पर ही गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। शाम के समय वहां वाहनों की कतार होती है और वहां से गाड़ियों का निकलना लगभग असंभव होता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के लुभावने वादों का कोई मतलब नहीं है अगर लोगों को हर दिन ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़े।
 
गौरतलब है कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होना है और मतगणना के बाद 8 फरवरी को चुनाव परिणामों की घोषणा की जाएगी। (इनपुट भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta

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