राजनीतिक संदर्भ: 1989 का कुंभ मेला भारत के राजनीतिक परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण था। राम मंदिर आंदोलन उस समय जोरों पर था, और इस आंदोलन का कुंभ मेले में भी असर देखा गया। कई साधु-संतों और संगठनों ने कुंभ मेले को राम मंदिर आंदोलन से जोड़कर धार्मिक और राजनीतिक एकता को प्रकट किया। इस मेले के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भाजपा, शिवसेना, आरएसएस और हिंदू जागरण मंच ने हिंदू एकता और जागृति पर बल देकर मंदिर आंदोलन को तेज किया गया। कुंभ मेला 1989 में विभिन्न जातियों, संप्रदायों, और धार्मिक गुटों का संगम हुआ। यह मेला सामाजिक समरसता और भारतीय संस्कृति की विविधता का प्रतीक बना। कई सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए।
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