Prayagraj Mahakumbh : महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के बाद अपने गंतव्य की ओर लौट रहे श्रद्धालुओं को विभिन्न जगहों पर बैरिकेड लगाए जाने और जाम की वजह से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और उन्हें लंबी पदयात्रा करनी पड़ी।दर्जनों श्रद्धालुओं का एक जत्था त्रिवेणी संगम आने और जाने में करीब 30 किलोमीटर पैदल चलने से थककर चूर हो चुका था। उन्हें राजस्थान के अन्य साथियों से मिलने के लिए अभी 8 किलोमीटर और पैदल चलना था। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि अत्यधिक भीड़ की वजह से वे अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पाए और अब वे भीड़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
बृहस्पतिवार को सुबह के 10 बजे थे। दर्जनों श्रद्धालुओं का एक जत्था त्रिवेणी संगम आने और जाने में करीब 30 किलोमीटर पैदल चलने से थककर चूर हो चुका था। उन्हें राजस्थान के अन्य साथियों से मिलने के लिए अभी 8 किलोमीटर और पैदल चलना था, और ये सब प्रयागराज के बाहर खेतों के निकट आराम करने बैठे थे।
इनमें से एक घनश्याम ने बताया, कोई साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण हम त्रिवेणी संगम से निरंतर पैदल चलते रहे.. पुलिस अधिकारियों ने चौराहे पर हमारी मदद की, लेकिन उसके बाद सड़क किनारे कहीं भी चाय-पानी नहीं मिला।
कई किलोमीटर पैदल चलने का दावा करने वाले एक अन्य श्रद्धालु बाबूलाल ने कहा, पुलिस निजी वाहनों में चढ़ाने में लोगों की मदद कर रही है, लेकिन ड्राइवर जब तक लंबी दूरी के यात्री नहीं मिलते, जाने से मना करते हैं। उन्होंने कहा, हमने आधी रात संगम में डुबकी लगाई और सुबह से ही चल रहे हैं। एक लंबी और थकान भरी यात्रा अब भी बाकी है।
राजस्थान के सवाई माधोपुर से आए सुरेश ने कहा कि उनके समूह ने महाकुंभ स्नान कर लिया। उन्होंने मौनी अमावस्या के दौरान भगदड़ के बारे में सुना, लेकिन इससे उनका समूह नहीं घबराया। कुंभ के बाद उनकी काशी विश्वनाथ और राम मंदिर जाने की योजना है।
कई श्रद्धालुओं ने कहा कि बेला कछार में एक बड़ा पार्किंग क्षेत्र बनाया गया है जो कि शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है जहां से उन्हें पैदल चलकर त्रिवेणी संगम आना पड़ा। कई श्रद्धालुओं को साधन ना मिलने के कारण लंबा पैदल चलना पड़ा।
गुवाहाटी से एक बुजुर्ग सहित चार लोगों को महाकुंभ में लाकर गंगा स्नान कराने के बाद संगम से लौटे अनूप वर्मा ने बताया, हमारी कार 15-20 किलोमीटर दूर सहंसों में पार्क कराई गई थी। बृहस्पतिवार को हम किसी तरह चलकर बैंक रोड पहुंचे, लेकिन हर जगह बैरिकेड लगाए जाने से हमें कोई वाहन नहीं मिला जिससे हमें पैदल चलकर सहंसों पहुंचना पड़ा।
उन्होंने बताया, रास्ते में हमारे साथ चल रहे बुजुर्ग व्यक्ति की तबीयत भी खराब हो गई.. हम किसी तरह भूखे-प्यासे सहंसो पहुंचे और काफी समय तक जाम खुलने का इंतजार करने के बाद कार लेकर हाईवे पर निकल आए।
वहीं प्रयागराज महाकुंभ में स्नान कर लौटे लाखों श्रद्धालु अब भी वाराणसी कैन्ट और बनारस स्टेशन पर फंसे हुए हैं। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि अत्यधिक भीड़ की वजह से वे अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पाए और अब वे भीड़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं कुछ ट्रेनों के निरस्त होने की वजह से कई यात्री अभी स्टेशन पर फंसे हैं और अन्य किसी साधन का इंतजार कर रहे हैं।
असम के सोनिकपुर निवासी बॉबी माया लिम्बु ने बताया कि वह अपने समूह के साथ महाकुंभ आई थीं। उन लोगों ने 26 फरवरी को प्रयागराज संगम तट पर स्नान किया। वहां से वे अयोध्या दर्शन-पूजन करने गए। वहां से 30 फरवरी को वाराणसी पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को ही इनकी ट्रेन थी लेकिन भीड़ के कारण ये लोग ट्रेन नहीं पकड़ पाए।
बिहार के गया जिले से आए श्रद्धालु दीनानाथ ने बताया कि वह अपनी पत्नी बच्चों के साथ दो दिन से बनारस में फंसे हुए हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, लेकिन भारी भीड़ की वजह से उनका दम घुटने लगा जिससे कारण वह ट्रेन से उतर गए। उन्होंने बताया कि तब से वह प्लेटफॉर्म के बाहर बने रैन बसेरा में रह रहे हैं।
प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने बृहस्पतिवार शाम कहा, 30 जनवरी को सभी श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। पुलिस द्वारा डायवर्जन स्कीम को हटाया जा रहा है और बैरिकेड हटाने के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं। 31 जनवरी, एक फरवरी और चार फरवरी को किसी प्रकार वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा, मात्र दो और तीन फरवरी (बसंत पंचमी स्नान पर्व) को डायवर्जन की स्कीम लागू रहेगी। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की एक अलग प्रक्रिया है। इस बारे में मेलाधिकारी और डीआईजी महोदय द्वारा अलग से सूचित किया जाएगा। प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र में वाहनों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।
प्रयागराज के पुलिस उप महानिरीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि जिले में यातायात की स्थिति सामान्य हो गई है। हम यातायात सुचारू करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour