साध्वी का टाइटल गलत है, मैं सनातन भक्त हूं
हर्षा रिछारिया ने कहा कि साध्वी बनने के लिए बहुत से नियम, साधना, संस्कार और तमाम जरूरी चीजें है जिन्हें अपनाना पड़ता है। मैं साध्वी बनने की प्रक्रिया से नहीं हूं। मैने खुद को सनातन के लिए समर्पित कर दिया है, मैं अपने परिवार और मित्रों से मिलती हूं। साध्वी और सनातन दोनों में अंतर है। भविष्य में साध्वी बनूंगी, मेरी राह और दिशा क्या होगी, मेरी तकदीर में क्या लिखा है यह मेरे महादेव ही जाने। कह नहीं सकती हूं। Edited by : Sudhir Sharma