Mahakumbh Stampede: संगम नोज: आस्था का केंद्र कैसे बना हादसे का हॉटस्पॉट, जानें क्यों उमड़ रही है सबसे ज्यादा भीड़

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 29 जनवरी 2025 (12:52 IST)
Prayagraj Mahakumbh Stampede : मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ मचने की खबरों ने सभी को झकझोर कर रख दिया। इस बार सबसे ज्यादा भीड़ संगम नोज (Sangam Nose) पर देखी गई, जहां हादसा हुआ। सवाल यह उठता है कि आखिर हर बार संगम नोज ही भीड़ का केंद्र क्यों बन जाता है? क्या यह प्रशासनिक चूक है, या इस स्थान का विशेष धार्मिक महत्व इसे श्रद्धालुओं के लिए सबसे आकर्षक बनाता है? यहां उमड़ती भीड़ के मद्देनजर हादसे के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालू संगम नोज जाने से बचें व जहां है वहीं स्नान करें। ALSO READ: कुंभ मेले में हादसों का क्या है इतिहास, जानिए कब कब मची थी महाकुंभ में भगदड़ और कितने लोगों की गई जान
 
क्या महत्व है संगम नोज का: आस्था का प्रतीक संगम नोज वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। दरअसल, संगम नोज नाम इस जगह की आकार की वजह से पड़ा है। प्रयागराज में इस संगम नोज को स्नान के लिए सबसे पवित्र जगह मानी जाती है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि लाखों श्रद्धालु सबसे पहले संगम नोज तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, जिससे यह इलाका सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला बन जाता है।  ALSO READ: महाकुंभ में भगदड़ से हाहाकार: धक्का मुक्की हो रही थी, बचने का मौका नहीं था, अस्पताल के बाहर रोती महिलाओं का दर्द
 
भीड़ बढ़ने की 3 मुख्य वजहें:
1. धार्मिक महत्व: संगम में स्नान करना कुंभ मेले का सबसे पवित्र कार्य माना जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि अगर संगम नोज पर स्नान नहीं किया, तो कुंभ यात्रा अधूरी रह जाती है।  
 
2. प्रतिबंधित क्षेत्र की सीमाएं: प्रशासन की ओर से कई घाटों पर सुरक्षा कारणों से रोक लगी होती है, लेकिन आस्था का केंद्र होने के कारण संगम नोज अधिकतर समय खुला रहता है, जिससे लोग यहीं ज्यादा संख्या में पहुंचते हैं।  
 
3. संतों और अखाड़ों का जमावड़ा: बड़े संत-महंत और अखाड़े भी इसी स्थान पर डेरा डालते हैं, जिससे भीड़ और बढ़ जाती है। लोग अपने प्रिय संतों से आशीर्वाद लेने के लिए संगम नोज तक पहुंचने की होड़ में लग जाते हैं। ALSO READ: क्या VVIP कल्‍चर से मची भगदड़, महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने लगाया आरोप, कई लोग भटके, मौके पर 100 एंबुलेंस
 
भगदड़ का कारण: प्रशासन की लापरवाही या भीड़ का उत्साह? इस बार भगदड़ तब हुई जब अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और पुलिस ने कुछ रास्ते बंद कर दिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार प्रशासन को मालूम होता है कि संगम नोज पर सबसे ज्यादा भीड़ होगी, फिर भी व्यवस्थाएं पहले से नहीं की जातीं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "हम लाइन में खड़े थे, लेकिन अचानक पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी और लोग पीछे से धक्का देने लगे। कुछ लोग गिर गए और भगदड़ मच गई।"  ALSO READ: महाकुंभ में भगदड़ से हाहाकार: धक्का मुक्की हो रही थी, बचने का मौका नहीं था, अस्पताल के बाहर रोती महिलाओं का दर्द
 
क्या संगम नोज को भीड़ नियंत्रण के लिए पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर संगम नोज पर जाने के लिए टाइम स्लॉट सिस्टम, अधिक बैरिकेडिंग और वैकल्पिक स्नान घाटों का प्रचार किया जाए, तो इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।

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