महाकुंभ में भगदड़ पर सियासी संग्राम, राहुल से अखिलेश तक किसने क्या कहा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 29 जनवरी 2025 (11:05 IST)
Prayagraj Mahakumbh Stampede : प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या वाले अमृत स्नान से पहले भगदड़ मचने से हड़कंप मच गया। कुंभ मेला क्षेत्र में आज करोड़ों लोग मौजूद हैं। हालांकि प्रशासन ने मुस्तैदी से कुछ ही देर में व्यवस्था को सामान्य बना दिया। बहरहाल इस मामले में उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई। ALSO READ: महाकुंभ में महंगी पड़ी आस्था की डुबकी, हादसे का जिम्मेदार कौन?
 
राहुल ने दी श्रद्धांजलि : प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है।
 
अभी महाकुंभ का काफी समय बचा हुआ है, कई और महास्नान होने हैं। आज जैसी दुखद घटना आगे न हो इसके लिए सरकार को व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अनुरोध करता हूं कि पीड़ित परिवारों की मदद करें।
खरगे का बड़ा आरोप : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महाकुंभ के दौरान तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों के हताहत होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, 'श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं और हम घायलों के शीघ्र अति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं।'
 
खरगे ने कहा कि इसके लिए आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी लोगों की आवाजाही, प्रबंधन से ज्यादा स्व-प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतजामी जिम्मेदार हैं। हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएं न हों।
 
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा तथा आवाजाही आदि की व्यवस्था में सुधार करना चाहिए और वीआईपी लोगों की आवाजाही पर लगाम लगानी चाहिए। यही हमारे साधु-संत भी चाहते हैं। 
अखिलेश ने बताया अव्यवस्थाजन्य हादसा : अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।
 
उन्होंने कहा कि जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। 
 
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गई है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।

बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुए हैं। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीड़ितों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।
 
त्रिवेणी संगम - गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम - हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेषकर मौनी अमावस्या जैसी विशेष स्नान तिथियों पर इसमें डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष मिलता है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
 

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