चौधरी ने रविवार को बताया कि मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भ्रष्टाचार और कुशासन के मुद्दे पर अपने जन्म स्थान झालरापाटन से चुनाव लडूंगी। मुख्यमंत्री के शासन में पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार और कुशासन की मार झेल रहा है। प्रदेश में अपराधों की संख्या बढ़ रही है। मैं इन मुद्दों पर जमीनी स्तर पर काम कर रही हूं।
चौधरी ने बताया कि उनके पति को प्रताड़ित किया गया और ईमानदारी से काम करने के बावजूद उन्हें चार्जशीट और लगातार स्थानांतरण से रूबरू होना पड़ा। उन्होंने बताया कि ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है और मेरे पति भी उसका हिस्सा हैं। मैं पहले झालरापाटन की बेटी और उसके बाद ईमानदार आईपीएस अधिकारी की पत्नी हूं।
उन्होंने बताया कि झालरापाटन से चुनाव लडने की वजह यह है कि सरकार की मुखिया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे यहां से विधायक चुनी जाती हैं। मुझे भ्रष्टाचार, कुशासन और लोगों की परेशानियों के लिए चुनाव लड़ने की प्रेरणा मिली है। चौधरी की मां शांति दत्ता 1993 में पूर्व भैरोसिंह शेखावत सरकार में कानून मंत्री थीं जबकि उनके पति जयपुर में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक हैं। (भाषा)