टीकाराम जूली के साथ बैठक की और मामले को सुलझाया : शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ बैठक की और मामले को सुलझाया। गतिरोध समाप्त होने के बाद कांग्रेस विधायक सदन में पहुंचे और कार्यवाही में हिस्सा लिया। जूली ने गतिरोध खत्म करने की पहल के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने डोटासरा की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के प्रति उनके आचरण और उनके लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर माफी भी मांगी।
देवनानी ने कहा कि डोटासरा ने उनके लिए जो शब्द इस्तेमाल किए थे, वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं और देश की किसी भी विधानसभा में ऐसी बातें नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे (डोटासरा) भविष्य में ऐसा आचरण न दोहराएं।
देवनानी ने यह व्यवस्था भी दी कि अगली बार से अगर कोई विधायक हंगामे के दौरान अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचता है तो बिना प्रस्ताव लाए विधायक का निलंबन मान लिया जाएगा। देवनानी के निर्देश पर सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने 6 कांग्रेस विधायकों-गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव रखा।
सदन ने प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसके बाद निलंबन रद्द कर दिया गया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि जिन विधायकों का निलंबन रद्द किया गया है, उन्हें सदन के अंदर बुलाया जाए, लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि यह काम कल किया जाएगा। मामला सुलझने के बाद विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने बजट पर अपना भाषण शुरू किया।(भाषा)