भाई-बहन का पवित्र पर्व रक्षा बंधन मंगलमयी हो और इस पर्व को मनाते समय कोई भूल-चूक न हो, इसके लिए हमें कुछ पारंपरिक बातों का ध्यान रखना चाहिए।
अगर राखी बांधते समय आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित ही यह आपके लिए और आपके भाई के लिए बहुत फलदायी होगा। आइए जानें अपने प्यारे भैया की कलाई पर राखी बांधने से पूर्व ये विशेष बातें :-
किस तरह बांधनी चाहिए अपने भाई को राखी जानें :-
* रक्षाबंधन के दिन प्रातः उठकर स्नान करके उज्ज्वल तथा शुद्ध वस्त्र धारण करें।
* घर को साफ करें और चावल के आटे का चौक पूरकर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें।
* चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एकसाथ मिलाएं। फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। उसमें मिठाई रखें।
* इसके बाद भाई को पीढ़े पर बिठाएं (आम की लकड़ी का बना पीढ़ा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है)।
* भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं।
* भाई को तिलक लगाते समय बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
* इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधें।
* शास्त्रों के अनुसार, रक्षा सूत्र बांधते समय निम्न मंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलता है।
* राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें फिर भाई को मिठाई खिलाएं।
* बहन यदि बड़ी हों तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और यदि छोटी हों तो बड़े भाई को प्रणाम कर आशीर्वाद ग्रहण करें।
राखी बांधने का सही तरीका : आजकल लोग सोफे व कुर्सी पर बैठकर राखी बंधवा लेते हैं। यह उचित नहीं है, राखी बंधवाते समय पीढ़े पर ही बैठें।
इससे शुद्धिकरण होता है और अच्छा प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं व्यक्ति चुंबकीय रेखाओं से मुक्त हो जाता है। पीढ़े पर सिर्फ भाई को नहीं, बल्कि बहन को भी बैठना चाहिए। यही रक्षा सूत्र बांधने की सर्वोत्तम विधि है।