एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, वन विभाग के कर्मचारी पूरे दिन हाथियों के झुंड की आवाजाही पर नजर रखते हैं। रेल अधिकारियों को भी हाथियों की मौजूदगी की जानकारी दी गई थी। रेलगाड़ी की गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा थी। यह हादसा अंधेरा होने की वजह से हुआ।
इस बीच, कार्यकर्ताओं ने खनिज संपन्न क्योंझर जिले में ट्रेन से टकरा कर लगातार हो रही हाथियों की मौत पर चिंता जताई है।उन्होंने बताया कि गत आठ साल में 11 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराकर जबकि चार हाथियों की मौत सड़क हादसों में हुई है। वहीं इस अवधि में 13 हाथियों की मौत करंट लगने से हुई है।(भाषा)