सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड की प्रक्रिया शुरू हुई। कंपनी सार्जेंट मेजर प्रफुल्ल शर्मा, धनंजय शर्मा, अमित यादव, जय मेरवाड़, आश्य ठाकुर, प्रद्युम्न शर्मा, आदित्य जानेकर और कर्मवीर सिंह ने ड्रिल स्क्वैयर पर अपनी-अपनी जगह ली। 8 बजकर 55 मिनट पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर अनमोल गुरुंग ने ड्रिल स्क्वैयर पर जगह ली।
कैडेट्स के शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया। कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस और अन्य उत्कृष्ट सम्मान से राष्ट्रपति ने नवाजा। अनमोल गुरुंग को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और स्वर्ण पदक प्रदान किया गया जबकि तुषार सपरा को रजत व आयुष रंजन को कांस्य पदक मिला। कुणाल चौबीसा ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट भूटान के सांगे फेनदेन दोरजी चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर केरेन कंपनी को मिला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की समीक्षा की।
कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती गई और पीओपी को सादगी से आयोजित किया जा रहा है। परेड के दौरान ड्रिल स्क्वैयर पर मार्चपास्ट, अवॉर्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म तो हुई लेकिन जश्न नहीं मनाया गया।
आज पासआउट हुए कैडेट्स में से उत्तरप्रदेश से 45, उत्तराखंड से 43, हरियाणा से 34, बिहार से 26, राजस्थान से 23, पंजाब से 22, मध्यप्रदेश से 20, महाराष्ट्र से 20, हिमाचल प्रदेश से 13, जम्मू-कश्मीर से 11, दिल्ली से 11, तमिलनाडु से 7, कर्नाटक से 6, केरल से 5, आंध्रप्रदेश से 5, चंडीगढ़ से 5, झारखंड से 4, पश्चिम बंगाल से 3, तेलंगाना से 3, मणिपुर से 2, गुजरात से 2, गोवा से 2, ओडिशा से 2, असम से 2, मिजोरम से 2, छत्तीसगढ़ से 2 और मिजोरम से 2 कैडेट्स सैन्य अधिकारी बने हैं।