हेत की मां रिम्पल शाह ने बताया कि उसे स्कूल और आध्यात्मिक गतिविधियों में संतुलन बनाने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए उसने हमारे गुरुओं के साथ रहने के लिए लगभग दो साल पहले अपनी पढ़ाई छोड़ दी। फिर उसने सांसारिक जीवन से दूर रहने की इच्छा व्यक्त की। वह हमारी इकलौती संतान है, लेकिन हमने उसकी इच्छा को स्वीकार किया क्योंकि हम मानते हैं कि एक भिक्षु के जीवन से बेहतर कुछ भी नहीं है।
दीक्षा समारोह के दौरान पांच दंपति भी अपना कारोबार बंद और घर छोड़कर सांसारिक जीवन का त्याग करेंगे और दीक्षा ग्रहण करेंगे। अहमदाबाद के कारोबारी भावेश भंडारी (46) और उनकी पत्नी जीनल (43) अपने बच्चों का अनुकरण करते हुए रियल एस्टेट का कारोबार छोड़ दीक्षा ग्रहण करेंगे। भंडारी के बेटे और बेटी ने 2021 में दीक्षा ली थी।
भावेश ने कहा कि हमने देखा कि हमारे बच्चे किस तरह भिक्षुक के तौर पर प्रसन्न जीवन बिता रहे हैं। यह गलत धारणा है कि हम बिना पैसे एवं सुख सविधाओं के खुशी से जीवन नहीं बिता सकते। हमारे गुरुओं की दीक्षा ने भी हमें यह फैसला लेने में मदद की। अब मेरे पिता एवं बड़े भाई मेरे कारोबार को देखेंगे। (भाषा/वेबदुनिया)