फर्रूखाबाद। उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद के अस्पताल में एक महीने में ऑक्सीजन की कमी से 49 बच्चों की मौत होने का खबर है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। डीमएम के दिए जांच के आदेश।
मीडिया खबर के अनसुार गोरखपुर की तरह फर्रुखाबाद के डॉक्टर राममनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में 30 बच्चों की मौत ऑक्सीजन न मिलने से हुई। यह मौतें 21 जुलाई से 20 अगस्त के बीच हुईं। सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में खुलासा होने पर रविवार को डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई।
इससे पहले डीएम ने अस्पताल से एक माह में मरने वाले बच्चों की सूची मांगी थी, अस्पताल से 30 बच्चों की मिली तो प्रशासन हरकत में आया।
शहर कोतवाली में दर्ज कराए गए मुकदमे में सिटी मजिस्ट्रेट जयनेंद्र कुमार जैन ने कहा है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने प्रशासनिक अधिकारियों आदेशों की अवहेलना की। लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में 23 मई से 14 अगस्त व पूर्व में निरीक्षण के दौरान एसएनसीयू वार्ड में मरने वाले बच्चों की सूचना मांगी गयी थी लेकिन इन अधिकारियों ने नहीं दी।
इसके बाद 30 अगस्त को जिलाधिकारी ने एक माह में हुई 49 बच्चों की मौत की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में टीम गठित की। इसके बाद भी दोनों अधिकारियों ने आदेश का अनुपालन नहीं किया, उन्होंने मरने वाले मात्र 30 बच्चों की सूची संलग्न की और बताया कि अधिकांश बच्चों की मौत पेरीनेटल एस्फिक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) से हुई है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने एफआईआर में यह भी कहा है कि जांच अधिकारी को मृत बच्चों की मां व परिजनों से बात की तो इन लोगों ने बताया कि डॉक्टर ने ऑक्सीजन की नली नहीं लगाई और कोई दवा नहीं दी। इससे स्पष्ट है कि अकिधकतर शिशुओं की मृत्यु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने के कारण हुई। उन्होंने यह भी कहा है कि डॉक्टरों को यह ज्ञान होना चाहिए कि ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति न होने पर बच्चों की मौत हो सकी है, यहां भी लापरवाही बरती गयी है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (एजेंसी)