इस मामले की अदालत में सुनवाई के दौरान गाय को गत बारह अप्रैल को भौतिक सत्यापन के लिए अदालत में पेश भी किया गया। इसके बाद अदालत ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत को अपनाते हुए यह फैसला लिया कि गाय को दोनों दावेदारों के घर के बीच खड़ी कर दी जाए और गाय जिसके घर जाएगी, गाय उसी की होगी। इसी आधार पर अदालत ने गाय ओमप्रकाश विश्नोई को सौंपने के आदेश दिए।