अभिनेता सीताराम पांचाल का निधन

गुरुवार, 10 अगस्त 2017 (23:58 IST)
जींद। बॉलीवुड अभिनेता सीताराम पांचाल का गुरुवार सुबह देहांत हो गया। वे 52 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से गुर्दे और फेफडों के कैंसर जूझ रहे थे। उनके परिवार में पत्नी उमा और बेटा ऋषभ मुंबई में रहते हैं। पांचाल के एक बेटे की नरवाना में डूबने से मौत हो चुकी है। 
        
हरियाणा के जींद जिले के नरवाना कस्बे के पांचाल ने यहां से लेकिर मुंबई तक का सफर तय किया था और कड़े संघर्ष के बाद बॉलीवुड में जगह बनाई थी। उनके पिता की चाय की दुकान थी। वह  'पीपली लाइव, 'पान सिंह तोमर', 'हल्ला बोल', 'लज्जा', 'लेजंड ऑफ भगत सिंह', 'स्लमडॉग मिलियनेर' और 'जॉली एलएल बी' बेहतरीन फिल्मों में काम किया था। 
 
वे पिछले चार साल से गुर्दे और फेफड़े के कैंसर से पीड़त थे। कैंसर इलाज के दौरान उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई थी और सोशल मीडिया पर गुहार लगाकर इलाज के लिए पैसे जुटाने पड़े थे। उनके देहांत की सूचना मिलते ही यहां उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।       
     
सीताराम के पिता श्रीराम पांचाल नरवाना में चाय की दुकान चलाते थे। उनके चार बेटों में सीताराम तीसरे नंबर के थे। सीताराम ने नरवाना से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी कॉलेज में स्नातक में दाखिला लिया। वहां से उनके ड्रामा, थिएटर की शुरुआत हुई।
 
यूनिवर्सिटी के यूथ फेस्टिवल और अन्य एक्टिविटी में परफॉर्मेंस देना शुरू किया। यूनिवर्सिटी में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मिला। सीताराम के बड़े भाई जगदीश ने बताया कि स्नातक के बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से डिग्री ली। उसके बाद कुछ दिनों तक वहां पढ़ाया भी। अध्यापन के दौरान उन्होंने मुंबई बॉलीवुड जाने का निर्णय लिया और नौकरी छोड़कर मुंबई पहुंच गए। 
           
मुंबई जाकर उन्हें सबसे पहले बैंडिट क्वीन फिल्म में अभिनय करने का मौका मिला। इसके बाद लगभग 20 से अधिक फिल्मों एवं धारावाहिकों में उन्होंने अभिनय किया। उन्होंने स्लमडॉग मिलेनियर, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, जॉली एलएलबी, सारे जहां से महंगा, हल्ला बोल, बैंडिट क्वीन, पान सिंह तोमर, पीपली लाइव जैसी फिल्मों में काम किया है। 
       
जगदीश पांचाल ने बताया कि सीताराम को चार साल पहले फेफड़े में कैंसर का पता चला था। इलाज करवाया लेकिन स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता चला गया। खराब सेहत के चलते फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया। घर में वो अकेले कमाने वाले थे।

इस बीच घर में रखा पैसा भी धीरे-धीरे खत्म होने लगा। बीमारी में उनका 30 किलो वजन कम हो गया था। इलाज के लिए पैसे खत्म होने पर उन्‍होंने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई थी। लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी मदद के लिए एक कैंपेन भी चलाया था। 
          
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट पढ़ने के बाद सीताराम को फौरन पांच लाख रुपए की मदद दी थी। इलाज के दौरान हालत में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी लेकिन दो दिन पहले उनकी फिर से हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें फिर अस्पताल ले जाया गया जहां आज सुबह उनकी मौत हो गई। (वार्ता) 

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