महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले अजित के इस्तीफे ने हलचल पैदा कर दी है। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि वे राजनीति नहीं छोड़़ रहे हैं। वे वही करेंगे, जो उनके चाचा उनसे कहेंगे। अजित से जब पूछा गया कि क्या वे बारामती से दोबारा चुनाव लड़ेंगे? तो उन्होंने कहा कि पवार साहेब मुझसे जो कहेंगे, मैं वो करूंगा।
शरद पवार के साथ बैठक के बाद भावुक अजित ने परिवार के भीतर कलह की अटकलों को भी खारिज किया। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में 25,000 करोड़ रुपए के कथित घोटाले के संबंध में खुद पर लगे आरोपों को लेकर भी सवाल किए।
उन्होंने कहा कि मैं शरद पवार की वजह से उपमुख्यमंत्री के पद तक पहुंचा था। मैं परेशान था, क्योंकि मुझे लगा कि मेरी वजह से उन्हें इस उम्र में बदनामी झेलनी पड़ी। मैंने अपने विवेक से काम लेते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अगर मेरे इस फैसले से राकांपा कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुईं तो मैं उनसे माफी मांगता हूं।
उन्होंने कहा कि अगर बैंक के पास जमा राशि 11,500-12,000 करोड़ रुपए थी, तो 25 हजार करोड़ रुपए का घोटाला कैसे हो सकता है? राकांपा नेता ने कहा कि बैंक ने 285 करोड़ रुपए के मुनाफे की जानकारी दी थी।