इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए अलीशा ने कहा कि मेरा कोई गलत इरादा नहीं था। अलीशा ने दावा किया कि उसका मकसद तो लोगों की रूढिवादी को सोच को बदलने का था, लेकिन सोशल मीडिया पर अधूरा वीडियो दिखाकर उसके काम का मकसद ही बदल दिया गया।
अलीशा ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है वह अधूरा है। मैं केवल लड़कों से गले नहीं मिली। बल्कि, महिलाओं और बच्चों को भी गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी थी। इसको लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है उससे मेरा मन व्यथित है। ऐसा करने के पीछे मेरा मकसद कोई पब्लिसिटी पाना नहीं था, बल्कि यह जताना था कि महिला और पुरुष में कोई भेद नहीं है।